गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय जो आपको मुक्ति दिलाने मे कारगर!

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गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय | Ways to get rid of Arthritis

गठिया एक प्रकार की आर्थराइटिस है जो जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनती है। इसका इलाज चिकित्सक की सलाह और नियंत्रित आहार, व्यायाम और आयुर्वेदिक उपचार से किया जा सकता है। गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय अनेक है लेकिन उनको और अधिक प्रभावी बनाने के लिये पहले नीचे दिए गये बदलाव बहुत जरूरी है। जैसे:

1. आहार में बदलाव (Changes in Diet): गठिया को जड़ से खत्म करने के लिए आपको अपने आहार में कुछ बदलाव करने की आवश्यकता है। आपको अधिक फल, सब्जियां और हरी पत्तियों का सेवन करना चाहिए, जो एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं जो गठिया के लिए लाभकारी होते हैं। अनाज, अद्यतन गेहूं और अनाज जैसी चीजें भी शामिल करें जो फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। हल्दी, हरी पत्तियां और वन्यजीवन से बने हर्ब्स का भी उपयोग करें। उचित प्रोटीन स्रोत जैसे की दाल, मछली और दुग्ध उत्पादों को भी अपने आहार में शामिल करें। इन बदलावों से गठिया के खिलाफ संघर्ष में मदद मिलता है। अधिकतम पानी पीने का प्रयास करें।

गठिया को जड़ से खत्म करने के लिए आहार में कुछ आदतें बदलनी चाहिए। सबसे पहले, आपको तले हुए और जंक फ़ूड, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ और बेकरी उत्पादों का सेवन नहीं करना चाहिए। इनमें अधिक तेल, आलू, मैदा आदि होता है जो गठिया को बढ़ावा देता है। दूसरे, अन्य चिजें जैसे की तेल, मिठाई, स्वीट्स, अधिक चाय या कॉफ़ी, शराब और अधिक मसालेदार खाने का प्रयोग कम करना चाहिए। इनसे शरीर में ज्यादा तैल, शर्करा और बारीकी बढ़ जाती है जो गठिया की स्थिति को और भी खराब कर सकती है। तृतीय, तंतू, अजीनोमोटो आदि की चीजें भी परहेज करना चाहिए। इनमें मौजूद विषाणु और अनुचित पौष्टिक गुण हो सकते हैं जो जोड़ों के दर्द को बढ़ा देते हैं।

आखिरकार, उचित संतुलित आहार मे गरम तासीर वाले खाद्य पदार्थ लेना बहुत महत्वपूर्ण है। अधिक सब्जियां, फल, अनाज, और प्रोटीन वाले आहार का सेवन करना चाहिए। ये आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हैं और गठिया के लिए भी मदद करते हैं। इन उपायों के साथ, डॉक्टर की सलाह और नियमित चेकअप का पालन करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

2. नियमित व्यायाम (Regular Exercise): गठिया को जड़ से खत्म करने में व्यायाम बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गठिया के प्रभावी व्यायाम से आपकी जोड़ों को लाभ होता है और उन्हें मजबूती दे सकता है। व्यायाम आपकी शरीरिक क्षमता को बढ़ाता है, आपकी मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और आपके जोड़ों को संघटित रखता है। आप व्यायाम के रूप में प्राणायाम, योग, साइक्लिंग, और आराम से चलना जैसे विभिन्न प्रकार के व्यायामों का चयन कर सकते हैं। व्यायाम को नियमित रूप से करें और अधिक स्थायी लाभ प्राप्त करने के लिए एक व्यायामी योग्य निर्देशक की मार्गदर्शन में रहें। ध्यान रखें कि किसी भी नई व्यायाम योजना को शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें और अपनी स्थिति और सामग्री के अनुसार व्यायाम का चयन करें। नियमित व्यायाम करना जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है।

3. पर्याप्त विश्राम (Adequate Rest): गठिया को जड़ से खत्म करने में विश्राम भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विश्राम आपके शरीर के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शरीर के ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है और मानसिक तनाव को भी कम करता है। गठिया में आराम लेना जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है और यह जोड़ों को आराम और आंतरिक आराम देता है। नियमित और पर्याप्त नींद लेना भी आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इससे आपका दिनचर्या नियमित होता है जिससे आपके शरीर की ऊर्जा स्तर बना रहता है और आप व्यायाम और उपचार में भी लगातार जुटे रह सकते हैं। इसलिए, गठिया के इलाज में विश्राम को अपनाना महत्वपूर्ण है।

कृपया ध्यान दें कि गठिया के इलाज के लिए उपचार आपकी स्थिति के आधार पर विभिन्न हो सकते हैं और आपको अपने चिकित्सक की सलाह का पालन करना चाहिए। उन्हें आपकी गठिया के प्रकार और गंभीरता के आधार पर आपके लिए सबसे उपयुक्त उपचार की सलाह देंगे।

गठिया को जड़ से खत्म करने का घरेलू उपाय | Home remedy to get rid of Arthritis

अदरक और लहसुन का सेवन | Consumption of Ginger and Garlic

  • अदरक: अदर का सेवन कई तरह से किया जा सकता है। अदरक की चाय के तो सभी दीवाने होते हैं। इसके अलावा अदरक का रस, पेस्ट, चटनी, सलाद, मसाला और आचार के रूप मे सेवन किया जाता है। अदरक को साफ सुथरा करके कच्चा भी खाया जा सकता है। अदरक औषधिये गुणों का भण्डार है। इसमें एंटी-इन्फ्लामेटरी गुण होता है। अदरक के सेवन से प्रोस्टाग्लैंडीन का स्तर कम करने में काफी मदद मिलता है। वहीं ये जोड़ों के दर्द को कम करने में बहुत मदद करता है। अदरक से सूजन की समस्या भी दूर होती है।
  • सेवन विधि: अदरक गठिया रोग में बहुत फायदेमंद होता है। इसके दर्द निवारक औषधिये गुण जोड़ों के दर्द में आराम पहुंचाते हैं। रोज दिन में तीन बार पानी के साथ 6 चम्मच सोंठ पाउडर, 6 चम्मच काले जीरे का पाउडर और 3 चम्मच काली मिर्च पाउडर एक साथ मिलाकर दर्द वाली जगह पर धीरे धीरे मसाज करने से आर्थराइटिस में होने वाले दर्द में आराम मिलता है। आप रोज ताजा कच्चा अदरक भी खा सकते हैं इससे शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ता है।
  • लहसुन: लहसुन में पाया जाने वाला डायलिल डाइसल्फ़ाइड एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। लहसुन का सेवन कई तरह से किया जा सकता है। लहसुन का रस, पेस्ट, चटनी, तेल, मसाला और आचार के रूप मे सेवन किया जाता है। लहसुन को साफ सुथरा करके कच्चा भी खाया जा सकता है। लहसुन औषधिये गुणों का भण्डार है। लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण होते हैं।
  • सेवन विधि: एक छीले हुए लहसुन के कली को छीलकर काट लें और पत्तों के साथ काटकर इसे छोटे टुकड़ों में काट लें। फिर इस कटा हुआ लहसुन को सूखने के लिए रखें और जब यह पूरी तरह से सूख जाए, तो इसे पीसकर पाउडर बना लें। रोजाना, सुबह खाली पेट, गरम पानी के साथ एक चम्मच लहसुन के पाउडर का सेवन करें। लहसुन का सेवन गठिया के दर्द को कम करने में बहुत अधिक मदद करता है।

हल्दी और दूध का सेवन | Consumption of Turmeric and Milk

  • हल्दी: हल्दी को कई विभिन्न प्रकार से सेवन किया जा सकता है। इसके औशधीय और पौष्टिक गुण के कारण  शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। प्राचीन समय से हल्दी को औषधि और मसाला के रूप में प्रयोग किया जाता है। हल्दी में करक्यूमिन नामक एक औषधियां होता है जो गठिया में अधिक फायदेमंद होती है। करक्यूमिन में एंटी-इन्फ्लामेटरी और पेन किलर गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करते हैं और गठिया के रोगी को आराम पहुंचाते हैं।
  • सेवन विधि: गठिया में हल्दी का सेवन करने की विधि यहां बताई जा रही है। हल्दी का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है, लेकिन एक सामान्य और प्रभावी विधि इस प्रकार होती है:
  1. हल्दी वाला दूध: एक कप दूध को उबालें। जब दूध उबलने लगे, उसमें आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं। अब दूध को और पकने दें और बाद में इसे छलने से छान लें।गरमा गरम पीने से गठिया के दर्द में राहत मिल सकती है।
  2. हल्दी का पाउडर: आधा चम्मच हल्दी पाउडर को गरम पानी के साथ ले सकते हैं। इसे खाली पेट या भोजन के बाद ले सकते हैं।
  3. हल्दी की चाय: एक छोटी चम्मच हल्दी पाउडर को पानी में डालकर उबालें। जब चाय बन जाए, इसे चाय की तरह पी सकते हैं।

देशी घी और शहद का सेवन | Consumption of Desi Ghee and Honey

  • देशी घी और शहद: देशी घी और शहद का सेवन विभिन्न रूपों में किया जा सकता है और इन्हें सेवन करने के विभिन्न तरीके हो सकते हैं। देशी घी को आप खाने के साथ, रोटी पर लगाकर अथवा विभिन्न व्यंजनों में शामिल करके सेवन कर सकते हैं। यह आपके भोजन को स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाने में मदद करता है। देशी घी को गरम दूध में मिलाकर पीना भी एक प्रचलित तरीका है जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और उसके लिए फायदेमंद होता है।शहद को आप अलग-अलग रूपों में सेवन कर सकते हैं। आप शहद को गुनगुने पानी में मिलाकर पी सकते हैं या फिर दूध, चाय या किसी भी प्रकार के प्रिय व्यंजनों में इसका उपयोग कर सकते हैं। शहद को विभिन्न उपयोगों के लिए मिलाया जा सकता है जैसे जुकाम और सर्दी में गरम पानी में शहद मिलाकर सेवन करना राहत प्रदान करता है। यह भी विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक औषधियों में उपयोग होता है और आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
  • सेवन विधि: गठिया रोग में देशी घी और शहद का सेवन लाभकारी होता है। देशी घी को आप नियमित रूप से अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। यह घी की मात्रा को धीरे-धीरे बढ़ाकर अपने खाने के साथ ले सकते हैं। शहद को भी दिन में कुछ बार गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं या फिर दूध, चाय, या योगर्ट में मिलाकर भी प्रयोग कर सकते हैं। शहद का सेवन गरम पानी में मिलाकर भी किया जा सकता है। देशी घी और शहद का संयोजन भी बनाया जा सकता है, जिसे आप खाने के साथ ले सकते हैं या फिर इसे अलग-अलग व्यंजनों में शामिल कर सकते हैं। यह आपके शरीर के लिए प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत बनाता है और आपके जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है।

अजवाइन और काली मिर्च का सेवन | Consumption of Celery and Pepper

  • अजवाइन और काली मिर्च: अजवाइन और काली मिर्च दो प्रकार की आम भारतीय मसाले हैं जो विभिन्न रूपों में उपयोग किए जा सकते हैं। अजवाइन का सेवन बीज, पाउडर, या तेल के रूप में किया जाता है। बीजों का सेवन खाने के साथ किया जाता है, जबकि पाउडर को विभिन्न व्यंजनों में उपयोग किया जाता है। अजवाइन विभिन्न खासियतों से भरपूर होती है, जैसे एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटीबैक्टीरियल, और पाचन क्रिया को संजीवनी बूटी मानी जाती है। काली मिर्च भी विभिन्न रूपों में उपयोग होती है, जैसे पाउडर, सब्जियां, तेल, या खासियती व्यंजनों में। यह पाचन में मदद करती है, इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करती है और शारीरिक ऊर्जा को बढ़ावा देती है। दोनों यहां तक कि आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए उपयोग कर सकते हैं, परंतु यही सही मात्रा और विधि का पालन करना महत्वपूर्ण है, और यदि आपको कोई विशेष स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो, तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
  • सेवन विधि: गठिया रोग में अजवाइन और काली मिर्च का सेवन करना लाभकारी होता है। अजवाइन का सेवन बीजों, पाउडर या तेल के रूप में किया जा सकता है। बीजों का सेवन खाने के साथ किया जा सकता है या फिर इसे पाउडर बनाकर विभिन्न व्यंजनों में मिलाया जा सकता है। अजवाइन के बीजों में एंटी-इंफ्लामेटरी और पाचन संबंधी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द में राहत प्रदान करते हैं। काली मिर्च भी विभिन्न रूपों में उपयोग होती है, जैसे पाउडर, सब्जियां, तेल, या विभिन्न व्यंजनों में। यह शरीर की ऊर्जा को बढ़ावा देती है और पाचन में मदद करता है। गठिया रोग के इलाज के लिए अजवाइन और काली मिर्च का सेवन करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें और उचित मात्रा और विधि का पालन करें।

मेथी दाना का सेवन | Consumption of Fenugreek Seeds

  • मेथी दान: मेथी दाना का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है और इसके सेहत के लाभों के लिए विभिन्न रूपों में इस्तेमाल किया जाता है। मेथी दाना को भिगोकर गर्म पानी में रखा जाता है और फिर इसे पीसकर पेस्ट बनाया जाता है, जो कि मसालों में या दाल में उपयोग होता है। इसके अलावा, मेथी दाना को भिगोकर और फिर ताजा या सुखा कर पीसकर आटे में मिलाया जा सकता है, जिससे रोटियां बनाई जा सकती हैं। मेथी दाना को ताजा या सुखा कर पाउडर बनाया जा सकता है, जिसे सब्जियों, दाल या दालियों में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • सेवन विधि: गठिया रोग में मेथी दाना सेवन करना फायदेमंद होता है। आमतौर पर, मेथी दानों को रात को भिगोकर रखा जाता है और सुबह उठकर इन्हें खाया जाता है। इसके अलावा, मेथी दानों को पीसकर पाउडर बनाया जा सकता है, जिसे खाने के भोजन में मिलाया जा सकता है। कई लोग मेथी दानों की सब्जी बनाकर भी खाते हैं। इन विभिन्न रूपों में मेथी दानों का सेवन करने से गठिया रोग में होने वाले दर्द में कुछ राहत मिलता है।

धनिया बीज का सेवन | Consumption of Coriander Seeds

  • धनिया बीज: धनिया बीज को कई तरीकों से सेवन किया जाता है। यह व्यंजनों में पाउडर, पेस्ट, बीजों, और पत्तियों के रूप में प्रयोग होता है। पाउडर विभिन्न व्यंजनों में मिलाकर खाया जाता है जैसे की सब्जी, दाल, या सांभार में। धनिया पेस्ट को चटनी बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है और यह विभिन्न सलाद और व्यंजनों के साथ सर्विंग किया जाता है। धनिया के बीजों को बीजों के रूप में भी खाया जा सकता है जो नान, रोटी या सलाद के साथ मिलाकर खाया जाता है। इसके अलावा, धनिया के पत्तियां भी विभिन्न सजीवनी व्यंजनों में स्वाद और खुशबू बढ़ाने के लिए प्रयोग होती हैं। यह विभिन्न भारतीय व्यंजनों में उपयोग की जाती है जो उन्हें स्वादिष्ट बनाती है। धनिया बीज का सेवन करने से शरीर को कई पोषक तत्व मिलते हैं जैसे की विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
  • सेवन विधि: गठिया रोग में धनिया बीज का सेवन फायदेमंद होता है। धनिया बीजों को पानी में भिगोकर रात भर रखा जाता है। इसके बाद, यह भिगोए हुए धनिया बीज खाये जाते हैं या इन्हें गर्म पानी के साथ पीसकर पाउडर बना लिया जाता है। यह पाउडर विभिन्न व्यंजनों में मिलाया जाता है या सब्जियों के साथ भी इस्तेमाल किया जाता है। धनिया बीजों का सेवन जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है और इसके अलावा, यह पाचन में भी मददगार होता है।

दालचीनी का सेवन | Consumption of Cinnamon

  • दालचीनी: दालचीनी को विभिन्न रूपों में सेवन किया जा सकता है और इसे व्यंजनों में उपयोग किया जा सकता है। पाउडर, दालचीनी के ताजगी वाले बार्क या ताजगी वाली पत्तियों का उपयोग किया जा सकता है। यह विभिन्न व्यंजनों में मिलाकर, चाय में डालकर, या दालचीनी स्टीक्स के रूप में भी सेवन किया जा सकता है। यह विभिन्न व्यंजनों में मिलाने से व्यंजनों का स्वाद बढ़ता है और इसमें और भी गहनता आती है। दालचीनी के उपयोग से पाचन में सुधार होता है और यह शरीर के विभिन्न हिस्सों के लिए फायदेमंद होता है जैसे इसका प्रयोग दांतों की सफाई में, डायबीटीज कंट्रोल में, और ब्लड प्रेशर के नियंत्रण में किया जा सकता है।
  • सेवन विधि: गठिया रोग में दालचीनी का सेवन करना फायदेमंद होता है। दालचीनी को आमतौर पर ताजगी वाले बार्क या पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आप इसे अपने भोजन में मिलाने के लिए विभिन्न व्यंजनों में प्रयोग करते हैं, जैसे चाय, कढ़ी, पुलाव, और स्वीट्स में। दालचीनी का ताजगी वाला बार्क पाउडर बनाने के लिए बार्क को काटकर गरम पानी में भिगोकर उसका पाउडर बना लिया जाता है जिसे आप अपने व्यंजनों में इस्तेमाल कर सकते हैं। दालचीनी के प्राकृतिक गुण गठिया रोग में दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, दालचीनी का इस्तेमाल शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करने और शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाने में भी सहारा देता है।

मुलेठी का सेवन | Consumption of Muleti

  • मुलेठी: मुलेठी को विभिन्न रूपों में सेवन किया जा सकता है। यह जड़ी-बूटी और पत्तियों के रूप में उपयोग की जाती है। मुलेठी के पत्ते ताजगी वाले या सूखे हुए रूप में उपलब्ध होते हैं और इन्हें शर्बत या चाय के रूप में सेवन किया जा सकता है। इसके बारे में विभिन्न परंपराओं और आयुर्वेदिक चिकित्सा में विविधता होती है और इसे शांतिवार्ता, सूजन निवारण, खांसी, बल्गम, और जिगर की सफाई के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, मुलेठी का पाउडर, रस, या इसके बीजों को भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह विभिन्न व्यंजनों में मिलाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और इसके गुण शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
  • सेवन विधि: गठिया रोग में मुलेठी का सेवन करना लाभकारी होता है। मुलेठी की जड़ी बूटी और पत्तियों का सेवन किया जाता है जो आमतौर पर दुकानों में उपलब्ध होती हैं। आप इसे खाने के बाद या उबले पानी में डालकर बनाई चाय की तरह पी सकते हैं। इसके अलावा, आप मुलेठी की चाय बना सकते हैं, जो दांतों के लिए भी फायदेमंद है। यदि आप मुलेठी की पाउडर या दालचीनी के साथ मिलाकर सेवन करना पसंद करते हैं तो आप इसे विभिन्न व्यंजनों में इस्तेमाल कर सकते हैं। मुलेठी में एंटी-इंफ्लामेटरी और अंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द में राहत प्रदान कर सकते हैं। यह भी शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करने में मदद करता है और शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाने में सहारा देता है।

अलसी के पानी का सेवन | Consumption of Flaxseed Water

अलसी के पानी का सेवन करना एक साधारण तरीका है जिसे आप अपने दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। इसे तैयार करने के लिए, आपको एक चम्मच अलसी बीज को पानी में भिगोकर रात भर के लिए रखना होता है। इसके बाद, आप इसे अगले सुबह खाली पेट पी सकते हैं। अलसी के पानी का सेवन आपकी पाचन शक्ति को बढ़ावा देने, वजन कम करने, और शरीर के लिए फायदेमंद होता है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, डायबिटीज के नियंत्रण में मदद करने, और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करता है। इसके अलावा, यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है जो आपके शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।

इस लेख में दी गई सलाह और उपाय केवल सामान्य जानकारी और संदर्भ के रूप में हैं और यह किसी चिकित्सा पेशेवर डॉक्टर की परामर्श या सलाह की जगह नहीं लेनी चाहिए। गठिया या किसी भी चिकित्सा स्थिति के इलाज के लिए योग्य चिकित्सा पेशेवर से संपर्क करना हमेशा बेहतर रहेगा। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

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