प्लास्टिक हमारे जीवनशैली में गहरा प्रभाव डाल चुका है। इसका उपयोग हमारे रोजमर्रा के साधन, उपकरणों, पैकेजिंग और औद्योगिक उत्पादों में होता है जिससे हमारे जीवन को सुविधाजनक बनाने में मदद मिलती है। लेकिन प्लास्टिक का उपयोग पर्यावरण और स्वास्थ्य पर अत्यधिक नकारात्मक प्रभाव डालता है। लेकिन सावधान! प्लास्टिक बोतल Reuse ना करें, Wellhealthorganic.com Know Why not to Reuse Plastic Water Bottles Know its Reason in Hindi मे विस्तार से जानेंगे।
प्लास्टिक का अधिक और गलत उपयोग के कारण प्रदूषण, समुद्री जीवओं के लिए खतरा और पर्यावरणीय असंतुलन पैदा हो रहा है। विशेष रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक (एक बार उपयोग करने वाले प्लास्टिक) लंबे समय तक बचा रहता है जो केवल जीवों, समुद्रों, नदियों और जंगलों में प्रदूषण का प्रमुख कारण ही नहीं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड रहा है। इसलिए हमें सावधानीपूर्वक प्लास्टिक का उपयोग करना और प्राकृतिक विकल्पों की ओर रुख करना आवश्यक है ताकि हम और हमारा पर्यावरण को संरक्षित रह सकें।
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प्लास्टिक की बोतलों से पानी हो, कोल्डड्रिंक हो या विभिन्न प्रकार के अन्य पेय पीना आजकल बहुत सामान्य हो गया है लेकिन इसके कई नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। प्लास्टिक के बोतल से पानी पीना या अन्य कोई पेय का सेवन करना बेहद आसान है किन्तु इसका हमारे स्वास्थ्य पर कितना प्रभाव पड़ता है यह जानना अति-आवश्यक है जो विभिन्न प्रकार के बीमारियों का कारण है।
कई जांच अध्ययनों में पाया गया है कि बोतलबंद सामग्री, टोंटी और टोपी से निकलने वाले अधिकांश पानी में 1mm से कम आकार के microplastics के कण पाए गये हैं जो हमारे शरीर के अन्दर जाकर कई प्रकार से प्रभाव डालते हैं। बोतलों को बार-बार खोंलने और बंद करने से भी घर्षण के कारण अधिक कण बनते हैं जिससे पानी और खराब हो जाता है।
Why not to Reuse Plastic Water Bottles Know its Reason in Hindi
वैसे तो स्वभावतः किसी भी तरह से प्लास्टिक बोतल का पानी नुकसानदायक होता है। लेकिन इसका प्रभाव कुछ स्थिति मे और बढ़ जाता है जो नीचे है:
- भरा बोतल धूप मे रखने से: यदि पानी से भरा बोतल धूप मे या किसी गर्म स्थान पर रखते हैं तो बोतल से माइक्रोप्लास्टिक निकलने की संभावना अधिक होता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। कड़ी धूप या उच्च तापमान यह प्रक्रिया और तेज़ हो सकता है।
- बार-बार ढक्कन खोलने व बंद करने से: बोतल का ढक्कन बार-बार खोलने व बंद करने से भी माइक्रोप्लास्टिक निकलने की संभावना अधिक बढ़ जाता है जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है।
- बोतल सेक करने से: यदि पानी के बोतल को अधिक सेक करते हैं मतलब हिलाते डुलाते हैं तो भी माइक्रोप्लास्टिक निकलने की संभावना बढ़ जाता है जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है।
- बोतल मे गरम पेय डालने से: वैसे तो पानी का प्लास्टिक का बोतल दुबारा उपयोग नहीं करना है लेकिन किसी विशेष परिस्थिति मे यदि इसका उपयोग करते हैं और बोतल मे गरम पेय डाल देते हैं तो भी माइक्रोप्लास्टिक निकलने की संभावना बढ़ जाता है जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है।
Plastic Water Bottles Side Effects
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, केवल 1.5 माइक्रोन (1.5 माइक्रोमीटर) से छोटे आकार के माइक्रोप्लास्टिक्स के कण वाले माइक्रोप्लास्टिक्स को उनकी घुलनशीलता के कारण निगला या अवशोषित किया जा सकता है और सीधे उत्सर्जित किया जा सकता है। जबकि बोतलबंद पानी से निकलने वाले 1.5 माइक्रोन बड़े माइक्रोप्लास्टिक के कण (<1.5 माइक्रोन) आंतों की दीवार के माध्यम से माइग्रेट करने और आंत, लिवर व लिम्फ नोड्स सहित शरीर के विभिन्न टिशूज तक पहुंचने में सक्षम होते हैं। सूक्ष्म कण (<1.5 माइक्रोमीटर) जो सेल्स या टिशूज में प्रवेश करते हैं बाहरी उपस्थिति के कारण जलन पैदा कर सकते हैं जिससे फेफड़ों के ऊतकों में सूजन हो सकता है जिससे कैंसर हो सकता है।
माइक्रोप्लास्टिक के कारण आंतों, लिवर जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान होता है जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। बोतल के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिसाइजर (पॉलीमर्स), स्टेबलाइजर्स और पिगमेंट जैसे कंपाउंड को माइक्रोप्लास्टिक्स द्वारा तैयार किया जाता है जो पानी मे मिलकर रक्त प्रवाह के जरिए हमारे शरीर के विभिन्न हिस्सों तक पहुंच सकते हैं।
इन केमिकल्स के संपर्क में आने से सूजन, जीनोटॉक्सिसिटी, ऑक्सीडेटिव तनाव और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को नुकसान हो सकता है। बोतलबंद पानी की पैकेजिंग से निकलने वाले केमिकल्स को अब उभरते प्रदूषकों और EDS के रूप में जाना जाता है जो कैंसर और विकास संबंधी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकते हैं।
Why Not to Reuse Plastic Water Bottles
प्लास्टिक पानी की बोतलों को पुनः उपयोग करने के साइड इफ़ेक्ट्स:
- माइक्रोप्लास्टिक का खतरा: पुनः उपयोग करने से माइक्रोप्लास्टिक का खतरा बढ़ जाता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
- हार्मोनल असंतुलन: प्लास्टिक बोतलों में मौजूद रसायनों से हार्मोनल असंतुलन होता है।
- बैक्टीरिया विकास: पुनः उपयोग करने से बैक्टीरिया की वृद्धि हो सकता है जो स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। जब प्लास्टिक बोतलों को बार-बार भरा-खाली किया जाता है तो उनमें बैक्टीरियल ग्रोथ होता है।
- प्लास्टिक के निकटता से हानि: प्लास्टिक के उपयोग से बने रहने वाले रसायनों का संपर्क से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- अवशोषित रसायनों का संचयन: प्लास्टिक की बोतलों में अवशोषित रसायनों का संचयन हो सकता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
- कैंसर का खतरा: पुनः उपयोग की गई प्लास्टिक बोतलों में रहने वाले केमिकल से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- पानी की गुणवत्ता का कम होना: बार-बार उपयोग करने से पानी की गुणवत्ता कम हो सकता है क्योंकि प्लास्टिक में बदबू और रसायन होते हैं।
- विकासशील स्वास्थ्य प्रणाली के प्रभाव: प्लास्टिक की बोतलों का पुनः उपयोग करने से विकासशील स्वास्थ्य प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है जिससे आपके स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
- प्रदूषण का बढ़ना: पुनः उपयोग करने से प्लास्टिक प्रदूषण बढ़ सकता है जिससे पर्यावरण को नुकसान होता है।
- पर्यावरणीय असमानता: प्लास्टिक के उपयोग का बढ़ना पर्यावरणीय असमानता को बढ़ा सकता है क्योंकि इससे प्राकृतिक संतुलन को अधिक नुकसान होता है।
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