सनई के फूल के फायदे फैट, शुगर, हार्ट | Sanai Ke Phool Ki Sabji के अद्भुत फायदे जरूर जानना चाहिए!

सनई किसान द्वारा उगाये जाने वाला एक फसल होता है। सनई के पौधे के तने के रेसे से रस्सी या सूत तैयार किया जाता है। इसके फसल को कई बार किसान खाद के रूप मे भी उपयोग करते हैं। लेकिन हम आज इसके सुगन्धित, स्वादिष्ट और पौष्टिकता से भरे भाग के बारे मे जानेंगे यानी कि सनई के फूल की सब्जी ‘Sanai Ke Phool Ki Sabji’ और सनई के फूल के फायदे के बारे मे।

Sanai Ke Phool Ki Sabji
सनई का फूल और पत्ता

सनई के फूल | Sanai Ke Phool

सनई का फूल पीला होता है। इसकी छोटी कलियों को सब्जी के रूप में प्रयोग किया जाता है जिससे बहुत ही स्वादिष्ट सब्जी तैयार होती है। ये कलियाँ आवरण से ढकी होती हैं जिसके कारण वे हरे रंग की होती हैं और बड़ी कलियों में आवरण से बाहर पीले रंग की पंखुड़ियाँ भी दिखाई देती हैं। इन कलियों को आवरण के साथ पकाया जाता है।

अलग क्षेत्रों में सनई के फूल को भिन्न नामों से जाना जाता है।

  • बंगाली में: शॉन (Shon)
  • कन्नड़ में: सनालू (Sanalu)
  • मलयालम में: वुक्का पू (Wucka Poo)
  • मराठी में: ताग (Tag)
  • तमिल में: सन्नप्पू सनल (Sannappu Sanal)
  • तेलगु में: जनुमू पुरुवू (Janumu Puruvu)

सनई के फूल के पोषक तत्व

सनई के फूल में कैल्शियम, फॉस्फोरस, फाइबर, प्रोटीन, फेनोल, मैग्नीज, पोटैशियम और सोडियम पाए जाते हैं। कैल्शियम, फोस्फोरस और फाइबर सनई के फूल में मुख्य होते हैं। सहजन के फल, फूल, पत्ती प्राकृतिक स्वास्थ्य का खजाना

सनई के फूल के फायदे और नुकसान

सनई के फूल के फायदे | Sanai Ke Phool Ke Fayde

कैल्शियम और फोस्फोरस हड्डियों व दांतों के निर्माण एवं मजबूती के लिए फायदेमंद होते हैं। ये शरीर में एंजाइम्स की क्रियाओं और कई अन्य मेटाबोलिक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कैल्शियम नियमित हृदय की धड़कन और मांसपेशियों की सामान्य क्रियाओं को सहायक होता है। फाइबर मोटापा, डायबिटीज और हृदय रोगों की मे फायदेमंद होता है और फाइबर कब्ज एवं कुछ प्रकार के कैंसर के नियंत्रण में मदद करता है। सनई के फूल में कुछ प्रोटीन भी पाया जाता है। फेनोल और फ्लावोनोइड वर्ग के तत्व भी सनई के फूल में प्राप्त होते हैं। इन तत्वों का अपना चिकित्सीय और औषधीय महत्व होता है।

सनई के फूल की सब्जी | Sanai Ke Phool Ki Sabji | Sanai Ka Saag

सनई के फूल की सब्जी एक पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन है जो कई भारतीय राज्यों में पसंद किया जाता है, खासकर उत्तर भारतीय राज्यों में पसंद किया जाता है जैसे कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार मे। इसे ‘सनई के फूल’ या ‘सनई के साग’ के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार का साग होता है जो शाकाहारी भोजन के रूप में तैयार किया जाता है। यह एक पौष्टिक और स्वादिष्ट सब्जी है जो गरमा गरम खाया जाता है जो विभिन्न प्रकार के भारतीय रेसिपीज़ में शामिल किया जाता है।

सनई के फूल की सब्जी खाने के फायदे | Sanai Ke Phool Ki Sabji Ke Fayde

सनई के फूल की सब्जी खाने के कई फायदे होते हैं। इसमें पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा होती है जैसे कि विटामिन, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट्स आदि। कुछ मुख्य फायदे हैं:

  1. पाचन: इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होता है जो पाचन को सुधारता है और पेट से संबंधित समस्याओं को दूर करता है।
  2. वजन नियंत्रण: सनई के फूल में कम कैलोरी होता है और फाइबर की मात्रा ज्यादा होता है जिससे वजन नियंत्रण में मदद मिलता है।
  3. ब्लड प्रेशर कंट्रोल: इसमें पोटैशियम की अच्छी मात्रा होता है जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
  4. डायबिटीज के लिए उपयोगी: सनई के फूल में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जो डायबिटीज के रोगियों के लिए उपयोगी होता है।
  5. इम्यूनिटी बढ़ाना: सनई के फूल में विटामिन सी की मात्रा होत है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है।

सनई के फूल की सब्जी का सेवन कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान कर सकता है। ताजा और स्वादिष्ट सनई के फूल को सही तरीके से पकाकर आप इन फायदों को प्राप्त कर सकते हैं।

सनई के फूल की सब्जी कैसे बनती है | Sanai Ke Phool Ki Sabji Kaise Banti Hai

यहाँ दी गई रेसिपी में सामग्री और बनाने की विधि है: वैसे आप अपने तरफ से इसमे अपने टेस्ट और सामान की उपलब्धता के अनुसार कुछ और सामग्री भी मिल सकते हैं जैसे सौंफ, हिंग,

सामग्री:

  • धुले हुए सनई के फूल
  • काली सरसों (राई)
  • साबुत धनिया
  • हल्दी
  • एक लहसुन की कली और एक प्याज
  • साबुत जीरा
  • लाल मिर्च (3-4)
  • अमचूर (स्वादानुसार)
  • नमक (स्वादानुसार)
  • तेल

बनाने की विधि:

  1. सनई के फूलों को अच्छी तरह से साफ करके धो लें क्योंकि फूलों के अंदर छोटेछोटे कीड़े होते हैं।
  2. फिर साबुत सरसों, लाल मिर्च, धनिया, लहसुन, हल्दी और जीरा को सिलबट्टे पर पानी की छींटें मार कर बारीक पीस लें।
  3. उसके बाद सनई के फूलों में पिसे मसाले, नमक (स्वादानुसार), थोड़ा अमचूर और थोड़ा सा तेल डाल कर अच्छी तरह से मिला लें।
  4. इसे 10 मिनट के लिए मैरिनेट होने के लिए छोड़ दें। जब तक तेल छोड़ न दे।
  5. फिर एक मोटे तले की मिट्टी की मटकी में बचा हुआ तेल डालें और मसालों में लिपटे सनई के फूल को मटकी में भरकर उसे बंद कर दें।
  6. इसे धीमी आंच पर अंगीठी या गैस पर रखकर पकाएं।
  7. जब बनकर तैयार हो जाए तो गरमागरम रोटियों के साथ परोसें।

यह चावल, पराठे या फिर रोटी के साथ परोसा जा सकता है। यह एक स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन है जो अनेक लोगों को आकर्षित करता है।

सनई का फूल आनलाइन | Sanai Ke Phool Online

सनई के फूल का आनलाईन सप्लाइ नहीं मिलता है। इसका मुख्य कारण इसका ताजा उपयोग है। सनई का फूल बिल्कुल ताजा उपयोग किया जाता है सूखने पर इसका स्वाद अच्छा नहीं लगता। यदि कोई तकनीक के माध्यम से इसका आनलाईन सप्लाइ मिलता भी है तो यह उतना कारगर नहीं होगा।

इसे भी पढ़ें:

Leave a Comment