विटामिन सी एक महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर के लिए बहुत आवश्यक है। विटामिन सी पानी में घुलनशील होता है जिसका रासायनिक नाम “एस्कॉर्बिक अम्ल” है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी सिस्टम) को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है साथ ही शरीर के अनेक अंगो को सुरक्षा प्रदान करता है। यह विटामिन स्किन की सेहत के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। विटामिन सी की कमी के लक्षण को पहचान कर इसका इलाज बहुत जरुरी है अन्यथा इसके कमी के कारण विभिन्न प्रकार की स्वास्थ समस्याएँ होने लगती हैं और कई बार ऐसी समस्याएं गंभीर रूप ले लेती हैं।
विटामिन सी हड्डियों को मजबूती देने में मदद करने के साथ-साथ शरीर में बढ़ रही चर्बी को भी कंट्रोल करता है। विटामिन सी का निर्माण शरीर में नहीं होता है इसकी कमी की पूर्ति हमे आहार के माध्यम से ही करना पड़ता है। शरीर के लिए प्रतिदिन विटामिन सी की आवश्यकता होती है इसलिए हमें रोज विटामिन सी युक्त आहार लेना चाहिए जिसमे पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी उपलब्ध हो अन्यथा इसकी कमी के कारण कई प्रकार की परेशानी होने लगती है और सेहत ख़राब हो जाता है। तो आइये इसके कमी से दिखने वाले लक्षण के बारे में विस्तार से जानें।
विटामिन सी शरीर में कॉलिजन (Collagen) के निर्माण में मदद करता है। कॉलिजन एक प्रकार का प्रोटीन है जो स्किन को तेजी से रिपेयर करने में मदद करता है। इसकी कमी कारण सफेद रक्त कोशिकाएं ठीक ढंग से काम नही कर पातीं जिसके वजह से किसी भी तरह के संक्रमण से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। साथ ही इसकी कमी से बॉडी में किसी तरह की चोट या सूजन को ठीक होने में भी बहुत समय लगता है।
विटामिन सी की कमी के लक्षण
सेहतमंद रहने के लिए शरीर को कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में कई प्रकार के मिनरल्स और विटामिन्स की जरुरत होती हो शरीर को अलग-अलग तरीके से लाभ पहुंचाते हैं। यही वजह सहै कि विशषज्ञ हमेशा ही संतुलित आहार खाने की सलाह देते हैं।
जिस तरह सभी जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स की पूर्ति से हमारा शरीर स्वस्थ एवं एक्टिव रहता है उसी तरह इन मिनरल्स और विटामिन्स कमी के कारण हमें कई समस्याएं भी हो सकती हैं। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि शरीर में पर्याप्त मात्रा में सभी जरूरी मिनरल्स और विटामिन्स की पूर्ति के लिए उचित समय रहते हुए इसका उपचार किया जाये। इन्हीं विटामिन्स और मिनरल्स में से एक विटामिन सी है जिसके कमी से निम्न लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
- मसूड़ों से खून बहना
- नाक में खून आना
- मुंह से दुर्गंध आना
- नाखूनों पर निशान आना
- दांतों का कमजोर होना
- आंखों की रोशनी में कमी
- त्वचा में रूखापन
- त्वचा पतला व कमजोर दिखना
- चेहरे पर झुर्रियां दिखना
- खून की कमी (एनीमिया का खतरा)
- बालों का झड़ना
- हड्डी के जोड़ों में दर्द
- चोट भरने में अधिक समय लगना
- दांतों का पायरिया
- रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) कम होना
- तेजी से वजन बढ़ना
- वायरल संक्रमण, मतली और बुखार आना
- हीलिंग धीरे होना
- कोलेजन संश्लेषण बिगड़ जाना
- शारीरिक कमजोरी
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विटामिन सी की कमी के कारण
विटामिन सी के कमी के कई कारण हो सकते हैं किन्तु इसके कमी का मुख्य कारण स्वस्थ आहार का सेवन नहीं करना है जिसमे विटामिन सी युक्त खाद्य सामग्री शामिल नहीं किया गया हो। इसके आलावा अधिक व्यायाम करने से, रक्त चाप (हाई ब्लड प्रेशर) के कारण, डायबिटीज के मरीज एवं मोटापा के कारण भी विटामिन सी की कमी होने की अधिक सम्भावना रहता है। कई बार इसके कमी का कारण आनुवांशिक विकार भी हो सकता है। विटामिन सी के कमी का एक और कारण मेटाबोलिक सिंड्रोम भी हो सकता है। इसके अलावा कुछ और भी कारण होते है जो निम्नलिखित हैं।
नवजात शिशु : कई बार शिशु को सम्पूर्ण पोषक आहार नहीं मिलने के कारण विटामिन सी की कमी हो जाती है।
वृद्ध व्यक्ति : पोषक तत्व नहीं प्राप्त होने के आभाव में विटामिन सी कम हो जाता है कभी-कभी ऐसे व्यक्ति के पाचन तंत्र में कमी के कारण भी विटामिन सी की कमी हो जाता है क्योंकि शरीर इस विटामिन को ठीक तरह से अवशोषित नहीं कर पता है जिसके कारण विटामिन सी यूरिन के साथ बाहर निकल जाता है।
गर्म खाद्य पदार्थ : किसी भी खाद्य पदार्थ को गरम करने पर उसमे उपस्थित विटामिन सी की मात्रा में कमी आ जाती है। इसलिए बच्चो को माँ का दूध का ही सलाह दिया जाता है जिसमे सभी पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं।
अत्यधिक धूम्रपान : धूम्रपान करने वाले व्यक्तिओ में विटामिन सी की कमी का अधिक संभावना होता है। इनके द्वारा लिया गया अनुचित आहार विटामिन सी की कमी का मुख्य कारण है। इसलिए यदि आप धूम्रपान करते हैं तो आपको सामान्य व्यक्तिओं के अपेक्षा 35 mg अधिक विटामिन सी का सेवन करना चाहिए जिससे आपके शरीर को पर्याप्त विटामिन सी प्राप्त हो सके।
गंभीर बीमरियाँ : कुछ गंभीर बीमारियों के कारण “जैसे आंत में गड़बड़ी, कैंसर, किडनी की गड़बड़ी” विटामिन सी की कमी हो सकती है।
पौष्टिक आहार : ऐसे बहुत लोग है जो पौष्टिक आहार का सेवन कई कारण के वजह से नहीं कर पाते जैसे गरीबी जो पोषक आहार नहीं जूता पाते, ऐसे व्यक्ति जो परिवार से दूर रहकर अपना जीवन यापन करते हैं जो अकेलेपन एवं भागदौड़ की जिंदगी के कारण अपने खान-पान पर अधिक ध्यान नहीं दे पाते हैं। पौष्टिक भोजन न करने के कारण उन्हें विटामिन सी कमी होने लगती है।
विटामिन सी की कमी से होने वाली बीमारियां
किसी व्यक्ति के शरीर में विटामिन सी की अधिक कमी होने पर इससे संबंधित लक्षण एक माह के अंदर दिखाई देने लगते है और जब ये लक्षण अधिक समय तक समान रूप से बने रहते हैं तो यहीं लक्षण बीमारी अथवा रोग का रूप ले लेते हैं। इसलिए आपको विटामिन सी के कमी के लक्षण दिखाई देते ही इसका कारण को जानकर इसका उपचार शुरू कर देना चाहिए अन्यथा यह जटिल बीमारी का कारण बन सकता है।
आप विटामिन सी की कमी से होने वाले रोगों अथवा बिमारीयों के नाम के लिए विटामिन सी की कमी के लक्षण शीर्षक में उल्लेखित लक्षणों को हीं देखें क्योंकि यहीं लक्षण दीर्घ समय तक बने रहने पर रोग बन जाते हैं।
विटामिन सी की कमी से स्कर्वी रोग
स्कर्वी रोग : विटामिन C की कमी कई व्यक्तियों के लिए स्कर्वी रोग होने का कारण हो सकता है। इसकी वजह से मरीजों में कमजोरी, थकावट, दांतों का ढीला होना, कमजोर नाखून, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, मसूढ़ों से खून आना और टांगों में चकत्ते पड़ने जैसी दिक्कत होता है। इसके इलाज के लिए सामान्यतः अपने आहार में विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दूध, दही, पनीर, ताजे फल और हरी साग व सब्जियां शामिल करके अथवा विटामिन सी की सप्लीमेंट्स लेकर इसको ठीक किया जा सकता है।
NHS के एक रिपोर्ट के अनुसार स्कर्वी के लिए इलाज किए गए अधिकांश लोग 48 घंटों के भीतर बेहतर महसूस करने लगते हैं और दो सप्ताह के भीतर पूरी तरह से ठीक भी हो जाते हैं।
विटामिन सी की कमी दूर करने वाले फ़ूड
विटामिन सी कमी की पूर्ति करने के लिए खट्टे फलों का सेवन अपने आहार में लेना बहुत जरूरी है। इसके अलावा अपनी डाइट में हरी सब्जियों, पालक, ब्रोकोली, आलू, खट्टे फल, संतरा, नींबू, अंगूर, स्ट्रॉबेरी को शामिल करना चाहिए। अमरूद, चेरीज, रेड पेपर, कीवी, लीची, पपीता, पार्सले आदि में भी विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है इनका सेवन भी आपको रोजाना अपने भोजन में जरूर करना चाहिए। यदि आप अपने डाइट से पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी प्राप्त नहीं कर पा रहें हैं तो आपको इसका सप्लीमेंट्स अवश्य लेना चाहिए।
आपको यह जानना बहुत जरुरी है कि विटामिन सी युक्त पदार्थ को गर्म करने पर उस पदार्थ में उपस्थित विटामिन सी की मात्रा नष्ट हो जाता है इसलिए विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ को बिना प्रोसेस किये ही खाना अच्छा होता है इससे विटामिन सी की गुड़वत्ता बनी रहती है और शरीर को पर्याप्त विटामिन सी प्राप्त होता है।
आपको यह जनना भी अति-आवश्यक है कि शरीर में विटामिन सी का निर्माण नहीं होता और ना शरीर में यह स्टोर होता है। चूँकि विटामिन सी पानी में घुलने वाला विटामिन है जिस कारण शरीर द्वारा आवश्यक विटामिन सी अवशोषित कर लिया जाता है और बाकि का विटामिन सी पानी के साथ घुलकर यूरिन के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है। इसलिए आवश्यक है कि रोजाना विटामिन सी से युक्त खाद्य पदार्थ अपने डाइट में अवश्य शामिल करना चाहिए जिससे आवश्यक विटामिन सी हमेशा मिलता रहे।
विटामिन सी की मात्रा
विटामिन सी शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अति आवश्यक विटामिन्स में से एक है जो विभिन्न क्रियाओं में भाग लेकर स्वास्थ्य को बनाये रखता है। डाइट एक्सपर्ट के अनुसार महिलाओं को एक दिन में 75 मिलीग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होता है वहीं पुरुषों को 90 मिलीग्राम विटामिन C की आवश्कता प्रतिदिन होती है।
विटामिन सी के अधिक खुराक का प्रभाव
वैसे सामान्यतः विटामिन सी के ज्यादा सेवन करने से सेहत पर कोई बहुत गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। विटामिन सी का ओवरडोज होने पर सबसे आम शिकायतें दस्त, मतली, पेट में ऐंठन, और जठरांत्र संबंधी मार्ग में समस्याएं देखने को मिल सकती हैं वहीं विटामिन सी की खुराक के साथ अन्य दवाओं को लेने पर रिएक्टन देखने को मिल सकता है।
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