शरीर के विभिन्न प्रक्रियाओं को सुचारु रूप से काम करने के लिए एक स्वस्थ शरीर में कुल 13 प्रकार के विटामिन्स पाए जाते हैं। इन विटामिन्स को मुख्यतः दो भागो में विभाजित किया गया है जिसमे एक भाग “वसा में घुलने योग्य” तथा दूसरा भाग “पानी में घुलने योग्य”। वसा में घुलनशील विटामिन्स शरीर में मौजूद फैट (वसा) के साथ मिलकर ब्लड को ऊर्जा प्रदान करते है वही पानी में घुलनशील विटामिन्स शरीर में मौजूद पानी के साथ घुल कर किडनी के माध्यम से शरीर के बाहर निकल जाते है। विटामिन्स रक्त, त्वचा, व हड़्डी को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करते है जिससे शरीर को पोषक तत्व मिलते रहते हैं। विटामिन डी की कमी के लक्षण
एक स्वस्त शरीर के लिए इन विटामिन्स का उचित मात्रा पाया जाना अत्यन्त आवश्यक है। क्योंकि इनके कमी के कारण कई प्रकार के रोग होने की सम्भावना अधिक बढ़ जाती है और कभी-कभी ये रोग भयंकर रूप ले लेते है जिसके कारण बहुत शारीरिक कष्ट के साथ-साथ अधिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।
इन्ही विटामिन्स में से एक विटामिन्स-डी है। एक स्वस्थ शरीर में मुख्य भमिका निभाता है और शरीर के विभिन्न प्रमुख क्रियाओं में भाग लेकर शरीर को स्वस्थ रखता है। विटामिन-डी वसा के साथ घुलने वाला विटामिन है जो शरीर के कैल्शियम व फॉस्फोरस को अवशोषित करके इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) को मजबूत करता है। यह हड्डियों को मजबूत करने, कोशिकाओं के विकास व सूजन को कम करने में मदद करता है। शरीर में विटामिन-डी की कमी होने पर कई समस्याएँ होने लगती है जिसकी पूर्ति के लिए ऐसे खाद्य पदार्थ जिसमे विटमिन-डी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है का सेवन कर इसकी कमी की पूर्ति कर सकते हैं। तो आइये इसके बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं।
विटामिन–डी क्या है?
विटामिन-डी वसा मे घुलनशील प्रो-हार्मोन का एक समूह है। जिसकी सहायता से कैल्शियम को शरीर में बनाए रखने में मदद मिलती है जो हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक है।
विटामिन-डी कितने प्रकार के होते हैं?
विटामिन-डी मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। ये दोनों ही शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक हैं।
- विटामिन-डी2
- विटामिन-डी3
विटामिन-डी की कमी के लक्षण
वैसे तो स्वस्थ रहने के लिए सन्तुलित आहार अत्यन्त आवश्यक है जो सभी जरूरी विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन, के साथ और अन्य पोषक तत्त्वों से परिपूर्ण हो। लेकिन विटामिन डी को केवल संतुलित आहार से ही पूरा नहीं कर सकते क्योकि इसका सबसे बढ़िया स्रोत धूप (सूर्य की रौशनी) है जो शरीर के ८० से ९० प्रतिशत विटामिन डी को पूरा करता है। आहार के माध्यम से केवल १० से २० प्रतिशत ही विटामिन डी प्राप्त हो पता है। इसलिए आजकल के जीवन-शैली में धूप नहीं लेने से विटामिन डी की कमी हो जाती है जिससे व्यक्ति को निम्न प्रकार के लक्षण महसूस क्र सकते हैं।
हमेशा थका हुआ महसूस करना
हमेशा पीठ व हड्डियों में दर्द होना
मांसपेशियों में दर्द ऐंठन होना
मांसपेशियों का फड़कना
चोट अथवा घाव जल्दी ठीक ना होना
व्यवहार में बदलाव आना
एकाग्रता में कमी
बालों का झड़ना
इम्युनिटी कमजोड़ होना
सिर में पसीना आना
विटामिन–डी की कमी के अन्य लक्षण
ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप), शरीर में झुर्रियां पड़ना, डायबिटीज होना, कैंसर का खतरा होना, बच्चों में रिकेट्स रोग का होना, हड्डियों का मुलायम होना
विटामिन-डी की कमी के कारण
शरीर को विटामिन डी भोजन व सूर्य की रौशनी के माध्यम से प्राप्त होता है इस प्रकार इसके ये कारण हो सकते हैं। जैसे : 1. आहार में विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ शामिल न करना जिससे पर्याप्त विटमिन डी प्राप्त हो सके। 2. सूर्य की रौशनी पर्याप्त मात्रा में नहीं लेना। 3. लिवर या किडनी के माध्यम से विटामिन डी को सुचारु रूप से परिवर्तित नहीं कर पाना। 4. किसी अन्य बीमारी के लिए उपयोग किये जाने वाले दवा का प्रभाव।
विटामिन-डी की कमी का उपचार
धूप में बैठना
गाय का दूध
दही
पनीर
संतरे का जूस
साबुत अनाज
ओट्स
मशरूम
अंडे का पीला हिस्सा
कॉड लिवर ऑयल
गाजर, ब्रोकली, सेब, अखरोट, बादाम और मूंगफली
विटामिन-डी की कमी में क्या नहीं खाये
खट्टे फल और अचार व चटनी
किन लोगों को होता अधिक खतरा?
बाईपास सर्जरी
किडनी व लिवर रोग
स्तनपान
5 वर्ष से कम के बच्चे
50 साल से ज्यादा उम्र
ऑफिस जाने वाले लोग
वजन बढ़ना
थाइरॉयड
टीबी
कैंसर
कोलेस्ट्रॉल की दवा
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