कोल्ड ड्रिंक पीने के नुकसान

कोल्ड ड्रिंक एक ठंडी पेय पदार्थ होता है जो अक्सर बाजार में बिकने वाली शराब और शराब रहित दोनों प्रकार में उपलब्ध होता है। इसमें मुख्य तौर पर कार्बनेटेड अम्लीय जल, कैफीन, शुगर या ग्लूकोज सिरप, खाने योग्य रंग, स्वाद और सुगन्धित द्रव्य जैसे विभिन्न खाद्य पदार्थों का उपयोग किया जाता है। कोल्ड ड्रिंक बहुत प्रकार के होते हैं जो आमतौर पर कंपनियों द्वारा निर्मित किये जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख उदाहरण हैं कोक-कोला, पेप्सी, माउंटेन ड्यू, सेवन अप, स्प्राइट, फ़ांटा, थंडरबर्ग और द्रुत ड्राइव आदि। अधिक मात्रा मे कोल्ड ड्रिंक पीने के नुकसान बहुत अधिक हो सकते हैं। ज्यादातर कोल्ड ड्रिंक कार्बनिक गैस यानी कार्बन डाइ ऑक्साइड से भरे होते हैं।

कोल्ड ड्रिंक पीने के नुकसान

कोल्ड ड्रिंक का उपयोग अधिक मात्रा में करने से आपको को एलर्जी, गैस, पेट दर्द और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, इनमें मौजूद उच्च मात्रा मे  शक्कर अथवा ग्लूकोज सिरप आपके शरीर के लिए नुकसानदायक होता है जो मोटापा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, टूथ डिके (दांतों की सड़न), दांतों के कैविटी आदि के कारण होता है। इसमे कैफीन, ग्लुकोज सिरप, फ्रुक्टोज और शर्करा का उपयोग उत्साह-वर्धक द्रव्य के रूप मे किये जाते हैं जो कोल्ड ड्रिंक को बार बार पीने के लिए प्रेरित करते हैं।

इसके अलावा कोल्ड ड्रिंक मे उसके प्रकृति के अनुसार इसके स्वाद, रंग, सुगन्ध के लिए खाने योग्य पदार्थ का उपयोग किये जाते हैं। कुछ प्रकार के कोल्ड ड्रिंक में विभिन्न फलों के पल्प का भी मिश्रण किया जाता है जो कोल्ड ड्रिंक मे फ्लेवर और पौष्टिकता को प्रदान करते हैं। तो आइये कोल्ड ड्रिंक के बारे में विस्तार से जानते हैं।

कोल्ड ड्रिंक के प्रकार – Types of Cold Drink

कोल्ड ड्रिंक विभिन्न प्रकार के होते हैं जो उनकी संरचना, रूपरेखा, स्वाद और उपयोग के अनुसार अलग अलग हो सकते हैं। कुछ प्रसिद्ध कोल्ड ड्रिंक निम्नलिखित हैं:

  1. कार्बनेटेड सोफ्ट ड्रिंक: यह कार्बनेटेड जल और विभिन्न स्वाद विकल्पों का मिश्रण होता है। कुछ उदाहरण शामिल हैं सोडा, कोका कोला, पेप्सी, लिमोनाइड और जिंजर एले।
  2. साइडर: यह एक प्रकार का फलों का कार्बनेटेड रस होता है। यह आमतौर पर सेब से बनाया जाता है, लेकिन अन्य फलों से भी बनाया जा सकता है।
  3. फलों का रस: यह एक स्वस्थ विकल्प होता है जो फलों के स्वाद, रंग और गंध का आनंद लेने में मदद करता है। इसमें कुछ फलों का रस शामिल है जैसे नींबू, कीवी, आमरुद, अंगूर, आम और संतरा आदि।
  4. शेक: यह दूध या दूध के उत्पादों का मिश्रण होता है जो फल या फलों का स्वाद या फिर चॉकलेट, कुल्फी, ठंडाई, मिल्कशेक, बादाम मिल्क, कैंडी या अन्य मिठाई के रूप मे होते हैं।
  5. इंस्टेंट कोल्ड ड्रिंक: ये पाउडर या तरल पैकेट में उपलब्ध होते हैं, जिन्हें पानी में मिलाकर इंस्टेंट (बहुत कम समय में) तैयार किया जाता है। इनमें टैंग, कूल एड, फ्रूटी आदि शामिल होते हैं।

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कोल्ड ड्रिंक पीने के नुकसान – Disadvantage of Drink Cold Drink

1. मोटापा की समस्या (Obesity Problem)

कोल्ड ड्रिंक में मौजूद उच्च मात्रा में शक्कर और कैलोरी के कारण इसके अधिक सेवन से मोटापा का खतरा होता है। शरीर में शक्कर के अधिक मात्रा के सेवन से इंसुलिन के स्राव में वृद्धि होने लगता है जो अधिक मात्रा में शरीर के अंदर फैट बनाने के लिए प्रेरित करता है। यदि आप बार-बार कोल्ड ड्रिंक पीते तो आपका अतिरिक्त वजन बढ़ने का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है।

कई शोधों में भी देखा गया है कि कोल्ड ड्रिंक का अधिक सेवन मोटापा को बढ़ावा देता है। एक शोध में पाया गया कि दिन में दो या तीन कोल्ड ड्रिंक का सेवन करने वाले लोगों में वजन बढ़ने का खतरा 60% अधिक होता है। इसलिए अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो कोल्ड ड्रिंक से बचना चाहिए और अधिक पानी, फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए।

2. दांतों का नुकसान (Tooth Loss)

कोल्ड ड्रिंक में मौजूद अधिक मात्रा में शक्कर और एसिडिटी के कारण दांतों को नुकसान पहुंच सकता है। कोल्ड ड्रिंक के सेवन से दांतों की परत पर धातु का नुकसान हो सकता है जिससे दांतों में कार्य करने वाले ऊतकों के नुकसान का खतरा हो सकता है। अधिक एसिडिटी वाली कोल्ड ड्रिंक के सेवन से दांतों के पास के स्थानों पर दरारें आ सकती हैं जिनमें खाद्य पदार्थ फंस सकते हैं और इससे बैक्टीरिया का विकास हो सकता है। ये बैक्टीरिया तंत्रों का नुकसान कर सकते हैं और दांतों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

3. उच्च रक्तचाप (High Blood Presser)

कोल्ड ड्रिंक में मौजूद शक्कर और कैफीन उच्च रक्तचाप का मुख्य कारण होते हैं। एक शोध के अनुसार शक्कर और कैफीन से भरी कोल्ड ड्रिंक का नियमित सेवन उच्च रक्तचाप के खतरे को बढ़ा सकता है। एक दूसरे शोध में रोजाना दो या तीन ग्लास कोल्ड ड्रिंक का सेवन करने वाले लोगों में उच्च रक्तचाप के खतरे में 20% तक की वृद्धि होने की संभावना होती है।

एक और अध्ययन में कुछ व्यक्तियों को 450 मिलीलीटर कोल्ड ड्रिंक पिलाया गया और उनका रक्तचाप मापा गया। इसमें पाया गया कि कोल्ड ड्रिंक का  सेवन करने से 30 मिनट बाद उनके रक्तचाप में वृद्धि हो गई। इसलिए उच्च रक्तचाप वाले लोगों को कोल्ड ड्रिंक का सेवन कम से कम करना चाहिए या इससे बचना चाहिए। आप कोल्ड ड्रिंक के जगह पानी, नारियल पानी और अन्य स्वस्थ पेय का सेवन कर सकते हैं जो आपके लिए अधिक फायदेमंद हो सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लेना उचित होगा।

4. डाइबिटीज (Diabetes) 

कोल्ड ड्रिंक में शुगर एवं कैलोरी की मात्रा अधिक होता है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए हानिकारक होते हैं। इसमे मौजूद उच्च मात्रा मे शक्कर के कारण  शरीर में इंसुलिन का विकार बढ़ता है जो डायबिटीज होने का मुख्य कारण है। कोल्ड ड्रिंक मे पाया जाने वाला कैफीन शुगर के स्तर को बढ़ाता है और यह भी शरीर की इंसुलिन प्रक्रिया को प्रभावित करता है। कोल्ड ड्रिंक पीने के कुछ मिनट बाद ही शरीर मे शुगर का लेवल बढ़ जाता है। यदि आपको डायबिटीज है तो बेहतर होगा कि आप गुलाबी जल, नींबू पानी, नारंगी पानी, शीतल नींबू पानी जैसी स्वस्थ पेय का ही सेवन करें। आपको अपने डाइट के लिए समय-समय पर विशेषज्ञयों से सलाह भी लेनी चाहिए।

5. कैंसर का कारण (Cause of Cancer)

कोल्ड ड्रिंक पीने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है इसके पीछे कई फैक्टर हो सकते हैं। कुछ अध्ययनों ने बताया है कि कोल्ड ड्रिंक में मौजूद कैमिकल जैसे फॉस्फोरिक एसिड और काफीन जैसे उत्तेजक पदार्थों का ज्यादा सेवन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। कोल्ड ड्रिंक में मौजूद एक खास पदार्थ जिसे हाई फ्रक्टोज कार्न सिरप (HFCS) कहा जाता है जो कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।

कुछ अध्ययनों ने बताया है कि लंबे समय तक कोल्ड ड्रिंक के नियमित सेवन से अनेक तरह के कैंसर, जैसे कि गुर्दे का कैंसर, आंत का कैंसर और अन्य कैंसरों का खतरा बढ़ सकता है। HFCS का उपयोग शक्कर के मुकाबले अधिक होता है और इसके अधिक सेवन से शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ता है। इसके अलावा कुछ अध्ययनों ने बताया है कि इसका नियमित सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर और कोलोन कैंसर जैसे कैंसरों के विकास के खतरे में बढ़ोतरी हो सकती है।

6. डाइजेशन समस्याएं (Digestion Issues)

कोल्ड ड्रिंक पीने से डाइजेशन पर असर पड़ता है। कोल्ड ड्रिंक में मौजूद कैफीन पाचन क्रिया (डाइजेशन) को धीमा कर देता है। इसमे पाया जाने वाले एसिड के कारण डाइजेशन सम्बन्धी कुछ अन्य समस्याएं जैसे अपच, गैस, पेट फूलने हो सकती हैं।

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कोल्ड ड्रिंक बनाने की प्रक्रिया

कोल्ड ड्रिंक बनाने की पूरी प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:

1. पानी का शुद्धिकरण: पानी को उपचार किसी भी अशुद्धियों और दूषित पदार्थों को हटाने के लिए किया जाता है जो कोल्ड ड्रिंक के स्वाद और गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं।

2. सिरप तैयार करना: पानी, चीनी और अन्य सामग्री जैसे स्वाद, रंग और फ्लेवर को मिलाकर एक विशेष सिरप तैयार किया जाता है। फिर इस सिरप की अशुद्धियों को दूर करने के लिए फ़िल्टर किया जाता है।

3. कार्बोनेशन: कोल्ड ड्रिंक के निर्माण की प्रक्रिया में कार्बोनेशन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है इसीसे कोल्ड ड्रिंक मे फ़िज़ या बुलबुले बनते हैं जो कार्बोनेटेड पेय पदार्थों (कोल्ड ड्रिंक) की विशेषता है। कोल्ड ड्रिंक में फिज बनाने के लिए सिरप को कार्बन डाइऑक्साइड गैस के साथ मिलाया जाता है। कार्बोनेशन प्रक्रिया एक विशेष मशीन में की जाती है जो पानी और सिरप के मिश्रण मे सही मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड गैस मिलाया जाता है। कार्बोनेशन प्रक्रिया मे यह सुनिश्चित किया जाता है कि पानी में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की सही मात्रा डाली जाए।

कार्बोनेशन प्रक्रिया के दौरान :

  1. पानी को एक कार्बोनेटर टैंक में पंप किया जाता है जिसमे प्रेसर के माध्यम से बहुत अधिक दबाव डाला जाता है। 
  2. अब टैंक के पानी में आवश्यक कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) मिलाया जाता है।
  3. यह सुनिश्चित करने के लिए कि CO2 पानी में समान रूप से घुल जाए पानी और CO2 मिश्रण को विलोडक या अन्य यांत्रिक साधनों द्वारा चलाया जाता है।
  4. कार्बोनेटेड पानी को फिर एक होल्डिंग टैंक में स्थानांतरित कर दिया जाता है जहां इसे आगे की प्रक्रिया के लिए उपयोग तक रखा जाता है।

यदि बहुत अधिक कार्बन डाइऑक्साइड गैस मिलाया जाता है तो कोल्ड ड्रिंक बहुत तेज़ हो सकता है और खोले जाने पर बह सकता है। दूसरी तरफ यदि बहुत कम कार्बन डाइऑक्साइड गैस मिलाया जाता है तो कोल्ड ड्रिंक बिल्कुल साधारण हो सकता है। इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए कार्बोनेशन का सही संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है कि अंतिम उत्पाद में उचित स्वाद और गुणवत्ता बना रहे।

4. भरना: कार्बोनेटेड सिरप को फिर बोतलों या डिब्बे में भरा जाता है। भरने से पहले कंटेनरों को साफ और साफ किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पेय ताजा और किसी भी संदूषण से मुक्त रहे।

5. सीलिंग: किसी भी हवा या नमी को प्रवेश करने और पेय को खराब करने से रोकने के लिए बोतलों या डिब्बे को ढक्कन या ढक्कन से सील कर दिया जाता है।

6. लेबलिंग और पैकेजिंग: बोतलों या डिब्बे को ब्रांड नाम, स्वाद, पोषण संबंधी जानकारी और अन्य विवरण के साथ लेबल लगाया जाता है। अंतिम चरण खुदरा विक्रेताओं को शिपिंग के लिए बोतलों या डिब्बे को डिब्बों या टोकरे में पैक किया जाता है।

7. गुणवत्ता नियंत्रण: अंतिम उत्पाद आवश्यक मानकों को पूरा करता है यह सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर गुणवत्ता (क्वालिटी) के लिए संपूर्ण निर्माण प्रक्रिया की निगरानी और जांच की जाती है। उत्पाद में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए स्वाद, रंग और अन्य मापदंडों के लिए नमूने लिए जाते हैं और उनका परीक्षण किया जाता है। बिक्री के लिए अंतिम उत्पाद जारी करने से पहले मानक से किसी भी दोष या विचलन की पहचान की जाती है और उसे ठीक किया जाता है।
कुल मिलाकर, कोल्ड ड्रिंक के निर्माण की प्रक्रिया में विवरण पर सावधानीपूर्वक ध्यान देना और सख्त गुणवत्ता नियंत्रण बहुत जरूरी होता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अंतिम उत्पाद सुरक्षित, ताज़ा और उच्च गुणवत्ता वाला है।

आपने मोटे तौर से देखा की कोल्ड ड्रिंक बनाने की पूरी प्रक्रिया के दौरान अन्य केमिकल्स के साथ साथ कार्बन डाइऑक्साइड गैस का बहुत अधिक मात्रा उपयोग किया जाता है। कार्बन डाइऑक्साइड गैस शरीर के लिए कितना खतरनाक है यह आपको बताने की आवश्यकता नहीं है। अब आप खुद सुनिश्चित कर सकते है कि कोल्ड ड्रिंक पीने के नुकसान कितने हो सकते हैं।

दोस्तों आशा है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी और आप इसका लाभ उठायेंगे। यदि आपको इस जानकारी से किसी भी तरह का लाभ हुआ है तो आप जरूर कमेन्ट करके बतायें। इससे हमें प्रसन्नता होगी और प्रोत्साहना भी मिलेगी। यह आर्टिकल किसी निजी संस्था के उत्पादों का विरोधी नहीं है। यह केवल मानव स्वास्थ्य का ध्यान रखने के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है जो मानव स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।

 

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