क्या होगा यदि आपका Stock Broker Bhag Bankrupt Ho Jaye सम्पूर्ण जानकारी

क्या होगा यदि आपका स्टॉकब्रोकर भाग जाए (Stock Broker Bhag Bankrupt Ho Jaye)। ऐसा कई बार देखा गया है कि स्टॉक ब्रोकर किसी भी कारण से अपना दुकान बंद कर देते हैं अर्थात् भाग जाते हैं इसके कई कारण हो सकते हैं। कारण जो भी हो क्या निवेशको का पैसा इनके भाग जाने के बाद सुरक्षित रहता है यह  सवाल सभी निवेशको के मन में होता है जबकि कुछ निवेशक तो इसके बारे में कभी सोचते ही  नहीं कि क्या होगा जब आपका स्टॉकब्रोकर भाग जाए। 

तो आइये  इस सवाल का जवाब ढूंढते हैं कि यदि भारत में कोई स्टॉकब्रोकर किसी भी कारणवश अपना ब्रोकरेज हाउस बंद कर दे, दिवालिया हो जाए आथवा भाग जाए तो निवेशको का पैसा सुरक्षित रहता है या डूब जाता है। तो इसका जवाब है निवेशकों का पैसा सुरक्षित रहता है पैसा डूबता नहीं है क्योंकि कोई भी स्टॉकब्रोकर केवल मध्यस्थता (Intermediary) का कार्य करता है उनके पास आपके धन (शेयर) तक सीधा पहुंच नहीं होता है। वह बस बिचौलिए का कार्य करते हैं और ब्रोकरेज (दलाली) प्राप्त करते हैं। अतः व्यावहारिक तौर पर कहा जाए तो आपकी पूंजी (Capital) या निधि (Security) सुरक्षित रहती है ऐसा नहीं है कि स्टॉक ब्रोकर आपके पैसे को ले सकता है।

Stock Broker Bhag Bankrupt Ho Jaye)

हाँ, स्टॉक ब्रोकर के पास आपके द्वारा ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) में रखे गए पूंजी तक पहुंच होती है अर्थात स्टॉकब्रोकरआपके डीमैट अकाउंट में पड़े पैसे का इस्तेमाल कर सकता है लेकिन इस पर भी सेबी (SEBI) की कड़ी नजर होती है यदि स्टॉक ब्रोकर द्वारा ट्रेडिंग अकाउंट में पड़े निवेशको के पैसे का इस्तेमाल कर लिया जाता है और अपना ब्रोकरेज हाउस बंद कर दिया जाता है तो सेबी के नियमों के अनुसार क्लेम करने पर निवेशकों के पैसे वापस कर दिए जाते हैं।

उदाहरण के लिए हर्षद मेहता के केस में जब उन पर दोष लगाया गया था तो उनके दो ब्रोकरेज हाउस पहला  ग्रो मोर रिसर्च और दूसरा एसेट मैनेजमेंट पर सेबी द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया था फिर भी इन दोनों ब्रोकरेज हाउस में निवेशकों के पैसा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा वह सुरक्षित रहा।

क्या होगा स्टॉकब्रोकर भाग जाए? (Stock Broker Bhag Bankrupt Ho Jaye)

सभी स्टॉक ब्रोकर्स को अपना व्यवसाय (ब्रोकरेज हाउस) प्रारंभ  करने से पहले तमाम दस्तावेजों को प्रस्तुत करके भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से पंजीकरण प्राप्त करना अनिवार्य होता है जिसके लिए इन ब्रोकर्स को SEBI रजिस्ट्रेशन नंबर देता है। SEBI स्टॉक ब्रोकर्स के ऊपर कड़ी नियंत्रण रखता है और उनके खातों की जांच (Accounts Audit) करता है। इस रूप में, SEBI स्टॉक ब्रोकर्स और म्यूचूअल फंड्स के मामले में नियामक (Regulator) की भूमिका निभाता है। SEBI द्वारा निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए कड़े नियम बनाए गये हैं। यदि निवेशकों के साथ कुछ गलत होत है तो उसके संबंध में भी कुछ आवश्यक नियम बनाए गए हैं।

आईेए अब विस्तार से जानते हैं कि स्टॉक, शेयर और म्यूचुअल फंड मे निवेशकों के पैसे कैसे सुरक्षित हैं:

1. स्टॉक और शेयरों के लिए

आपके द्वारा लगाई गई पूँजी डिमैट अकाउंट में रखा जाता है जो आपके ब्रोकर द्वारा ये सुविधा दी जाती है। ब्रोकर को सेबी द्वारा यह अनुमति दी जाती है कि आपके द्वारा निवेश किए गए स्टॉक अथवा शेयर को वह आपके डिमैट अकाउंट में रख सकते हैं। यह डिमैट अकाउंट (Demat Account) वास्तव में सेबी (SEBI) द्वारा अनुमोदित दो डिपॉजिटरी, पहला सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) और दूसरा नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) में रहते हैं। ये दोनों डिपॉजिटरी भारत सरकार द्वारा बनाई गई है और इसे मैनेज भी की जाती है। तो ऐसे मे सवाल ही नहीं उठाता की ब्रोकर आपके शेयर को छू भी सकते क्योंकि स्टॉक ब्रोकर के पास केवल शेयर्स को रखने का अधिकार होता है। ठीक वैसे जैसे कि बैंक लॉकर का सुविधा देते हैं।

किसी भी तरह से, आपके स्टॉक और शेयर ब्रोकरेज या व्यक्तिगत ब्रोकर के पास नहीं होता है। वे केवल मध्यस्थ की तरह एक मंच के रूप में कार्य करते हैं। वे केवल आपके ट्रेडिंग खाते में मौजूद धनराशि का उपयोग करके आपके निर्देशों के अनुसार शेयरस् को खरीदते व बेचते हैं।


मतलब साफ है कि कोई भी स्टॉक ब्रोकर आपके (यानि निवेशक के), सेबी (Securities Exchange Board of India, SEBI) के, सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (Central Depository Services Limited, CDSL) अथवा नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (National Securities Depository Limited, NSDL) के और कंपनी (जिसके शेयर की खरीद व बिक्री करनी है) के बीच मध्यस्थ का कार्य करता है। इस मध्यस्थता के बदले कुछ निश्चित शुल्क लेता है जिसे ब्रोकरेज या दलाली कहते है। उदाहरण के लिए सभी डिस्काउंट ब्रोकर्स जैसे Groww, Upstox, AngleOne और Zerodha आदि के डीमेट होल्डर्स के स्टॉक्स CDSL या NSDL में जमा रहते हैं ना की इन ब्रोकर्स के पास।


2. म्यूचुअल फंड के लिए

शेयर के तरह ही आपका म्यूचुअल फंड भी बिल्कुल सुरक्षित रहता है क्योंकि आपका म्यूचुअल फंड निवेश परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (Asset Management Company, AMC) में रहता है। इसलिए यदि ब्रोकर बंद हो जाता है तो भी आपका म्यूचुअल फंड AMC में सुरक्षित हैं।

यदि आपका स्टॉक ब्रोकर दिवालिया हो गया तो क्या होगा?

सर्वप्रथम आपको यह जानना जरूरी है कि आपके शेयरस् या अन्य प्रतिभूतियां (Securities) एनएसडीएल (NSDL) अथवा सीडीएसएल (CDSL) और ‘म्यूचुअल फंड के केस मे’ एएमसी (AMC) में इलेक्ट्रॉनिक रूप में बिल्कुल सुरक्षित हैं।

यदि आपका स्टॉक ब्रोकर दिवालिया (Bankruptcy) हो गया है तो आपको अपने ट्रेडिंग खाते पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए मतलब वह खाता जिसमें आपका वह पैसा है जिसका उपयोग आपका ब्रोकर आपकी ओर से शेयर खरीदने और बेचने के लिए करता है। यानि आपके ट्रैडिंग अकाउंट मे पड़े पैसे का नुकसान उठना पड़ सकता है। यदि ऐसी कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटती है तो सेबी आपको मुआवजा प्रदान करने के लिए  निवेशक सुरक्षा कोष (Investor Protection Fund, IPF) में आवेदन करना होगा। ऐसे भुगतान के लिए पात्र बनने के लिए आपको सेबी के नियमों के अनुसार तीन वर्ष के अन्दर मुआवजे के लिए क्लेम (दावा) करना होगा।

1. क्लेम प्रक्रिया (Claim Process)

अगर आपके पैसे स्टॉक ब्रोकर के दिवालिया या भाग जाने की स्थिति में फंस गए हैं तो आप Investor Protection Fund के माध्यम से अपने पैसे प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें आप ऑनलाइन (Online) या ऑफलाइन (Offline) मोड मे आवेदन करना चाहिए।

  • तुरंत आवेदन करने पर आपको 25 लाख तक का क्लेम मिल सकता हैं।
  • यदि आप 3 साल बाद में क्लेम करते हैं तो ये अथॉरिटीज पर निर्भर करता है कि कितना क्लेम पास करेगा।
  • 3 साल बाद क्लेम करने पर कोई आपको कोई नहीं मिलेगा।

Investor Protection Fund

ऑफलाइन माध्यम में आपको सभी आवश्यक दस्तावेज एप्लीकेशन फॉर्म के साथ नजदीकी NSE ऑफिस में जमा करवाने होते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हुआ है तो आपको बिना किसी देरी के ऊपर बताई गई एप्लीकेशन सबमिट कर देनी चाहिए जिससे आपको क्लेम प्राप्त करने में आसानी हो।

2. डिमेट अकाउंट में पड़े शेयर (Share in Demat Account)

आपके डिमैट अकाउंट में आपके खरीदे हुए शेयर हो सकते हैं। अगर आपका Stock Broker दिवालिया हो जाए या भाग जाए तो ऐसे समय में आपको बिल्कुल भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

यदि जो शेयर आपके अकाउंट में वास्तविक रूप से क्रेडिट हो चुके हैं या पहले से हैं तो ऐसे में कोई समस्या नहीं हैं। हालाँकि आज आपने कुछ शेयर ख़रीदे हैं और कल से आपका ब्रोकर बंद हो जाए ऐसी स्थिति में T+2 सेटलमेंट के कारण शेयर आपके अकाउंट में क्रेडिट नहीं हो पाते हैं। ऐसे में आपके शेयर खतरे में पड़ सकते हैं।

ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर आपको अपने शेयर्स को प्राप्त करने के लिए CDSL या NSDL  में एक एप्लीकेशन करनी होती है। इसमें आप अपने shares अपने नए डिमैट अकाउंट में भी ट्रांसफर कर सकते हैं इसके लिए आपको DIS Slip भरनी होती हैं। अगर आप चाहे तो अपने सभी शेयर और संपत्तियां बेचकर पैसे भी ले सकते हैं। दोनों विकल्प यहां मौजूद होते हैं।

स्टॉक ब्रोकर के संबंध में ध्यान रखने योग्य बातें (Things to keep in mind regarding Stock Brokers)

आपको अपने डिमैट अकाउंट खुलवाने से पूर्व और डिमैट अकाउंट खुलवाने के बाद में कुछ आवश्यक बातें ध्यान में रखनी होती है, जिससे आगे चलकर आपको भविष्य में कोई असुविधा या परेशानी का सामना ना करना पड़े। इन बातों का ध्यान रखकर आप इन परेशानियों से बच सकते हैं –

1. रेपोटेड ब्रोकर का चुनाव करें (Choose a Reputed Broker)

बतौर निवेशक आपको कभी भी ऐसे ब्रोकर के साथ नहीं जाना चाहिए जो मार्केट में reputed नहीं है। आपको सैकड़ों छोटे-मोटे Share Brokers मिल जाएंगे जिनका bankrupt होने का चांस सबसे ज्यादा होता है। इनका कस्टमर बेस कम होने के कारण इनका दिवालिया होना और बिजनेस को बंद करने का खतरा ज्यादा रहता है।

(2) ब्रोकर का सेबी रजिस्ट्रेशन नंबर चेक करें (Check SEBI Registration Number of Broker)

आपको किसी भी Stock Broker का SEBI रजिस्ट्रेशन नंबर उनकी वेबसाइट पर मिल जाएगा। आप रजिस्ट्रेशन की वैधता इस लिंक पर जाकर चेक कर सकते हैं। इससे आपको पता चल जायेगा की कहीं उस स्टॉक ब्रोकर का लाइसेंस सेबी ने रद्द तो नहीं कर दिया हैं।

(3) NSDL और CDSL की ऐप यूज करें (Use NSDL and CDSL Apps)

आप शेयर अपने स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से खरीदते हो, ये शेयर्स आपके NSDL / CDSL अकाउंट में स्टोर रहते हैं। आपको NSDL / CDSL की ऐप प्ले स्टोर से डाउनलोड करके रजिस्ट्रेशन करना होता हैं।

इसमें वह सभी शेयर्स दिखाई देंगे जो आपके Demat Account में क्रेडिट हैं। आप यहां जाँच सकते हैं की आपके द्वारा ख़रीदे गए शेयर्स यहां दिखाई दे रहे है या नहीं। क्योकि कई बार ऐसा हो सकता है की Stock Broker आपके अकाउंट में शेयर तो दिखा रहा हैं परन्तु वास्तव में वो शेयर्स आपके अकाउंट में क्रेडिट हैं ही नहीं।

(4) स्टैट्मेन्ट वेरफाइ करें (Verify Statements)

आपको हर महीने स्टॉक ब्रोकर, डिपॉजिटरी, NSE और BSE से ईमेल पर मिलने वाले स्टेटमेंट्स को क्रॉस वेरीफाई अवश्य करना चाहिए।

(5) ट्रेडिंग अकाउंट  में ज्यादा पैसा रखने से बचें (Avoid keeping too much money in Trading Account)

अगर आप ट्रेडर नहीं होकर एक long-term निवेशक हो तो आपको अपने डिमैट अकाउंट में अतिरिक्त पैसा नहीं रखना चाहिए। इस डीमैट अकाउंट में पड़े अतिरिक्त पैसे पर आपको सेविंग interest का नुकसान भी होता है। वैसे भी अधिकांश डिस्काउंट ब्रोकर आजकल बिना किसी शुल्क के पैसे डालने व निकालने की सुविधा प्रदान करते हैं।

एक निवेशक के तौर पर आपको हमेशा जागरूक रहने की जरूरत होती है। आपकी समझदारी ही आपके पैसे की सुरक्षा की गारंटी होती है। इसलिए बड़ी सावधानी से अपने Stock Broker का चुनाव करे।

अगर निष्कर्ष रूप में बात की जाये तो इसमें कोई विशेष चिंता की कोई आवश्यकता नहीं हैं बस आप ऊपर बताई गई बातों का जरूर ध्यान रखें।

अगर आपको इस संबंध में कोई भी सवाल है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते हैं।

FAQs

  1. अगर मेरा स्टॉक ब्रोकर दिवालिया हो जाता है तो मुझे क्या करना चाहिए?यदि आपके स्टॉक ब्रोकर दिवालिया हो जाता है तो आपको पहले SEBI और बैंक को जानकारी देनी चाहिए। आपको अपने निवेशों की स्थिति को समझने और नए स्टॉक ब्रोकर चुनने की सलाह लेनी चाहिए।
  2. मैं अपने निवेशों का क्या करूँ अगर स्टॉक ब्रोकर दिवालिया हो जाता है?आपके निवेशों की सुरक्षा के लिए Investor Protection Fund (IPF) एक विकल्प हो सकता है। आप इसके माध्यम से अपने पैसे को वापस प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  3. क्या मुझे अपने निवेशों का नुकसान होगा अगर स्टॉक ब्रोकर दिवालिया हो जाता है?हाँ, यह संभावना है कि आपके निवेशों में नुकसान हो सकता है अगर स्टॉक ब्रोकर दिवालिया हो जाता है। इसलिए समय रहते नए स्टॉक ब्रोकर का चयन करें और अपने निवेशों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
  4. क्या SEBI कुछ मद्देनुसार कार्रवाई करेगा अगर स्टॉक ब्रोकर दिवालिया हो जाता है?हाँ, SEBI निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए कड़े नियम और मार्गदर्शन प्रदान करेगा और यदि स्टॉक ब्रोकर दिवालिया हो जाता है, तो उस पर कार्रवाई करेगा।
  5. मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा स्टॉक ब्रोकर दिवालिया हो गया है?आप अपने स्टॉक ब्रोकर की स्थिति को नियमित रूप से मॉनिटर करने के लिए उनकी वेबसाइट पर जांच सकते हैं और संबंधित समाचार और अपडेट्स पर नजर रख सकते हैं।
  6. मेरे डिमैट अकाउंट में मेरे खरीदे हुए शेयर्स कैसे सुरक्षित हैं?आपके डिमैट अकाउंट में आपके खरीदे हुए शेयर्स सुरक्षित होते हैं। अगर आपका स्टॉक ब्रोकर दिवालिया हो जाता है, तो भी आपके शेयर्स पर कोई समस्या नहीं होती है। हालांकि, अगर आपने कुछ शेयर्स खरीदे हैं और ब्रोकर बंद हो जाता है, तो T+2 सेटलमेंट के कारण वो शेयर आपके अकाउंट में क्रेडिट नहीं होते हैं, जिससे आपके शेयर्स खतरे में पड़ सकते हैं।
  7. मुझे सही स्टॉक ब्रोकर कैसे चुनना चाहिए?सही स्टॉक ब्रोकर चुनने के लिए आपको पहले देखना चाहिए कि ब्रोकर SEBI (Securities and Exchange Board of India) से पंजीकृत है या नहीं। आपको इसके रजिस्ट्रेशन नंबर की जांच करनी चाहिए। इसके अलावा, आपको उनकी सेवाओं, शुल्कों, अनुभव, और पूर्व ग्राहकों की समीक्षा देखनी चाहिए।

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