आदि मानव से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तक का सफर तय करने मे मानव को कई प्रकार की परिस्थितियों से गुजरना पड़ा है। एक समय था जब मानव के पास पर्याप्त समय होता था, उसे ना तो किसी बीमारी का डर था और ना ही स्ट्रेस, तनाव अथवा अवसाद का। वही आज का समय है जिसमे जीवन को आसान करने के लिए कितने सारे ऑप्शन उपलब्ध है फिर भी ऐसी भाग दौड़ मचा है कि व्यक्ति अपने शरीर का ध्यान नहीं रख पाता और अनगिनत बीमारियों से घिरा रहता है।
ऐसे मे तेज रफ्तार से बदल रही जीवनशैली का प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर नजर आने लगा है। ऐसे स्थिती मे लोग कई तरह की शारीरिक व मानसिक समस्याओं का शिकार होने लगे हैं और इन बीमारियों से जूझने लगे हैं। स्लीप पैरालिसिस भी इन्हीं गंभीर समस्याओं में से एक है। आज हम Sleep Paralysis in Hindi के बारे मे जानेगें कि क्या होता है, इसके लक्षण, कारण, टेस्ट और इसका क्या उपचार है।
स्लीप पैरालिसिस क्या है? | What is Sleep Paralysis in Hindi?
जब आप सोते हैं तो आपकी नींद के दौरान दिमाग और शरीर के बीच कुछ संचार होते हैं। स्लीप पैरालिसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें नींद से अचानक जागने के बावजूद व्यक्ति बात करने या हिलने-डुलने की क्षमता खो देता है। कभी-कभी इसके साथ मतिभ्रम की स्थिति भी बन सकती है
स्लीप पैरालिसिस एक डरावनी और खतरनाक स्थित होती है जिसमें व्यक्ति कुछ देर के लिए ऐसी अवस्था में चला जाता है जिसमें उसका दिमाग तो काम कर रहा होता है लेकिन उसका शरीर निष्क्रिय होता है। चूंकि यह सभी घटना 5 से 15 सेकंड के बीच पूर्ण हो जाती है फिर भी यह बहुत गंभीर समस्या है यदि ऐसा बार बार हो रहा है।
दूसरे शब्द में समझें तो यह एक ऐसी स्थिति है जब व्यक्ति ना तो पूरी तरह से जाग रहा होता है और न पूरी तरह से नींद में सो रहा होता है। इस स्थिति के दौरान व्यक्ति चाहे कितना भी कोशिश कर ले पर वो चाह कर भी किसी को मदद के लिए नहीं बुला सकता, क्योंकि इस स्थिति में व्यक्ति की शरीर और दिमाग का तालमेल बिगड़ जाता है जिसमे उसके दिमाग का हिस्सा जाग्रत रहता है पर शरीर पूरी तरह से सोने की स्थिति में बना रहता है।
इस अवस्था में इंसान अपना दिमाग जाग्रत होने के कारण सब कुछ समझता है, यहां तक कि उसके साथ जो भी घटनाक्रम हो रहा है उसे वो महसूस करता है पर किसी से भी अपना अनुभव बता नहीं कर पाता। ऐसी स्थिति में व्यक्ति चाह कर भी अपने अंग को हिला डुला नहीं पाता है और ना ही बोल पाता है लेकिन कुछ देर के बाद यह बिल्कुल सामान्य अवस्था मे हो जाता है। सामान्य तौर पर यह स्थिति तब होता है जब कोई व्यक्ति सोने वाला होता है या जागने वाला होता है अथवा बहुत अधिक थके होने के बाद सो रहा है या झपकी ले रहा है।
स्लीप पैरालिसिस होने के विभिन्न कारण हो सकते हैं जैसे अनियमित नींद की आदतें, ज्यादा स्ट्रेस स्तर, नींद पूरा ना होना या अत्यधिक थकान। इसका इलाज करने के लिए नियमित नींद लेना, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तनाव से बचाव की आदतें डालना आवश्यक होता है। कई बार यह समस्या स्वतः ठीक हो जाती है जब आप अपनी नींद और जीवनशैली में सुधार करते हैं लेकिन यदि समस्या बनी रहती है तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेना सबसे बेहतर होता है।
स्लीप पैरालिसिस का लक्षण| Symptoms of Sleep Paralysis
क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है कि देर रात को अचानक आपकी नींद खुले और आपको लगे कि कमरे की दीवारें चारों तरफ़ से सिकुड़ रही हैं या आपके ऊपर गिरने वाली हैं और आप कोशिश करने के बावजूद कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
कभी कभी आपको अचानक से लगता है कि आप बहुत उचाई से धड़ल्ले से नीचे गिर रहे है जबकि वास्तव मे आप अपने विस्तर पर सों रहे होते हैं।
या फिर कभी आपको लगता है कि कमरे के पर्दे के पीछे या आपके बिस्तर के आस-पास कोई अजीब व्यक्ति खड़ा है और वो आपको दबोचने या गंभीर प्रहार करने की कोशिश कर रहा है और आप बचने की बहुत कोशिश भी कर रहे हैं किन्तु आपका बॉडी हिल तक नहीं पा रहा है। आप डर के मारे चीखने चिल्लाने की कोशिश करते हैं लेकिन आपके गले से आवाज़ भी नहीं निकल रही है और इस बीच आपको पसीना आने लगता है। ऐसी स्थिति को मेडिकल साइंस में स्लीप पैरालिसिस कहा जाता है।
ऐसा स्थिति कई लोगों के साथ होता है। भारत में तो कुछ लोग इस अवस्था को भूत-प्रेत या बुरी आत्मा का साया मानने लगते हैं। स्लीप पैरालिसिस के कुछ और भी लक्षण हो सकते हैं जैसे नीचे बताया गया है।
- नींद से जागने के दौरान अपने आप को नहीं हिला पाना: इस स्थिति में व्यक्ति को यह पता होता है कि वह जाग रहा है फिर भी वह लाख कोशिश करने के बाद भीअपने शरीर की कोई एक्टिविटी नहीं कर पाता, शरीर को नहीं हिला पाता है।
- अपने आप को नहीं बोल पाना: स्लीप पैरालिसिस होने पर व्यक्ति ना केवल शरीर को हिलाने डुलाने मे असमर्थ होता हैं बल्कि व्यक्ति को बोलने में असमर्थ होता है। वह व्यक्ति चाहकर भी कुछ नहीं बोल पाता है।
- साँस लेने में मुश्किल होना: स्लीप पैरालिसिस होने की स्थिति मे व्यक्ति को सांस लेने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। अजीब तरह का घबराहट महसूस करता है।
- डरावने सपने देखना: स्लीप पैरालिसिस होने की स्थिति मे व्यक्ति को एक अजीब सा डर सताने जैसे महसूस होता है। उसे लगता है कि कमरे में कोई है या कोई उसके करीब आ रहा है जो छाती, गला या अन्य कोई अंग पर बहुत गंभीर प्रहार करने वाला है। जिससे वह व्यक्ति घुटन का अहसास करता है।
- शरीर मे अजीब अकड़न: स्लीप पैरालिसिस होने की स्थिति मे व्यक्ति के हाथ, पैर व मसल्स मे असहज सा अकड़न महसूस होता है जिससे उन्हें साँस लेने में मुश्किल हो सकता है।
- मन मस्तिष्क में किसी काले साए को देखना: ऐसी स्थिति मे व्यक्ति भूत-प्रेत काले साए जैसे कोई चीज (जैसे जानवर, पेड़) पीछा करते हुए महसूस कर सकता है।
- मारे हुए या अपने पूर्वज देखना: कभी कभी व्यक्ति स्लीप पैरालिसिस होने की स्थिति मे किसी मरे हुए आदमी या औरत को या अपने ही किसी पूर्वज को किसी विशेष स्थिति व रंग रूप मे देखने का अनुभव करता है।
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स्लीप पैरालिसिस का कारण| Cause of Sleep Paralysis
- अनियमित नींद की आदतें
- अत्यधिक तनाव या चिंता
- पीठ के बल सोना
- नींद की कमी
- नार्कोलेप्सी
- डिप्रेशन, तनाव, चिंता और अवसाद
- एंजाइटी डिसऑर्डर
- पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेल डिसऑर्डर (पीटीएसडी)
- बाइपोलर डिसऑर्डर
- सोने के समय में बदलाव होते रहना
- नींद के स्वप्न चक्र में अस्थिरता
- सोने से पहले अत्यधिक शारीरिक क्रियाएं
- सोने से पहले अधिक खान-पान की आदतें
- बदलती दिनचर्या
- अधिक अल्कोहल या धूम्रपान
- ड्रग्स का सेवन
- उम्र के साथ संबंधित नींद की समस्याएं
- आनुवांशिक वजह के कारण
स्लीप पैरालिसिस से बचाव का उपाय | Ways to prevent Sleep Paralysis
अभी तक इस समस्या के लिए ऐसा कोई इलाज या थैरेपी नहीं है, जिससे इसका ठीक किया जा सके। ऐसे में अपनी लाइफस्टाइल में छोटे मगर जरूरी बदलाव कर आप इस समस्या को दूर कर सकते हैं। इन बदलावों में निम्न शामिल हैं-
- नियमित और पर्याप्त नींद: नियमित और पर्याप्त नींद लें, रात को 7-9 घंटे की नींद लेना ठीक होता है।
- नींद की अच्छी गुणवत्ता: नींद की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए नियमित रूप से समय पर सोएं और शांत माहौल में सोने का प्रयास करें। इसको और प्रभावी बनाने के लिए सोने से पहले 5-7 मिनट्स का मेडिटेशन कर सकते हैं।
- तनाव कम करें: तनाव को कंट्रोल करने के लिए योग, मेडिटेशन, प्राणायाम आदि अपनाएं।
- सोने के लिए आरामदायक जगह : सोने के लिए शांत और सुखद स्थान का चयन करें।
- पीठ के बल ना सोय: इससे बचने के लिए पीठ के बल नहीं सोना चाहिए।
- नशे का त्याग: अल्कोहल, तंबाकू, कॉफी आदि की मात दें विशेषकर सोने से पहले।
- उचित खानपान: सोने से पहले हल्का हेल्दी और संतुलित भोजन का सेवन करें और अधिक पानी पिएं, जंक फूड के सेवन से बचें।
- रात्रि का समय शांतिपूर्वक बिताएं: सोने से पहले रात्रि का समय शांतिपूर्वक बिताने के लिए कोशिश करें।
- सक्रिय दिनचर्या: नियमित व्यायाम करें, फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ावा दें, लेकिन सोने से पहले अत्यधिक शारीरिक क्रियाएं न करें।
- इनसोमनिया, नार्कोलेप्सी अथवा बाइपोलर डिसऑर्डर का इलाज जल्द से जल्द करवाएं।
- नींद की समस्याओं का सही इलाज: यदि नींद की समस्या है, तो चिकित्सक से परामर्श लें और उनके सुझावों का पालन करें।
FAQ स्लीप पैरालिसिस के बारे में आम सवाल
Q1. स्लीप पैरालिसिस क्या है?
स्लीप पैरालिसिस एक अवस्था है जिसमें व्यक्ति सोते वक्त या जागते समय अपने शरीर को हिल नहीं सकता, भले ही उनका मानसिक अवस्था काम कर रहा हो।
Q2. स्लीप पैरालिसिस क्यों होता है?
इसके कारण अनियमित नींद, अत्यधिक तनाव, नींद की कमी, शारीरिक समस्याएं और तंत्रिका से संबंधित हो सकते हैं।
Q3. क्या यह स्थिति खतरनाक है?
नहीं, स्लीप पैरालिसिस आमतौर पर नुकसान नहीं पहुंचाता, लेकिन यह भयानक और डरावना अनुभव हो सकता है। हाँ, कुछ विशेष परिस्थिति मे इससे पैरालिसिस होने की सम्भावना रहता है।
Q4. स्लीप पैरालिसिस से बचने के लिए क्या करें?
नियमित और पर्याप्त नींद लें, नींद की अच्छी गुणवत्ता बनाएं, तनाव को कंट्रोल करें, सही खानपान का ध्यान रखें, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
Q5. क्या इसका कोई इलाज है?
अभी तक इस समस्या का ऐसा कोई निश्चित इलाज या थैरेपी नहीं है। नींद की समस्याओं का समाधान, नियमित व्यायाम, तनाव मे सुधार, नियमित दिनचर्या और मानसिक स्थिति का संतुलन करके इससे बचा जा सकता है। अगर समस्या गंभीर है तो चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक होता है।
Q5. स्लीप पैरालिसिस किस उम्र में होता है?
स्लीप पैरालिसिस किसी भी उम्र में हो सकता है, परंतु यह आमतौर पर युवा और बच्चों में अधिक पाया जाता है।