शंख बजाने के फायदे और नुकसान आपको जरूर जानना चाहिए

शंख, शंख का नाम कौन नहीं जानता है जिसका वर्णन बड़े बड़े धर्म ग्रंथों मे किया गया है। महाभारत के योद्धाओं के शंख विश्व प्रसिद्ध है। शंख विजय घोस का प्रतीक है। शंख की पवित्र ध्वनि सकारात्मक ऊर्जा का भंडार है जिसका समर्थन कई वैज्ञानिक अनुसंधान करते हैं। शंख का वैज्ञानिक नाम “टुर्बो रामोसस” है। आज हम शंख बजाने के फायदे और नुकसान के बारे मे विस्तार से जानेंगे। शंख के धार्मिक महत्व के बारे में सभी लोग जानते हैं लेकिन इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। तो चलीये शंख और शंख बजाने के फायदे व नुकसान के बारे जानते हैं।

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शंख बजाने के फायदे और नुकसान

जरा रुकिए, शंख और शंख बजाने के फायदे व नुकसान के बारे मे जानने से पहले इसके बारे में कुछ अन्य सामान्य जानकारी प्राप्त करते हैं। शंख का महत्व दक्षिण एशिया के कई हिस्सों में विशेष रूप से हिंदुस्तान मे बहुत अधिक है। शंख का खोज भारत के ऋषि मुनियों के द्वारा हजारों वर्ष पूर्व धार्मिक और आध्यात्मिक उद्देश्य के लिए किया गया था। किन्तु जाने अनजाने में इसके स्वास्थ्य लाभ भी होते रहे जो बाद में विशेषज्ञों व वैज्ञानिकों द्वारा सिद्ध भी किया गया। शंख मुख्य रूप से भारत और उसके पास के देशों में पाया जाता है।

भारत के समुद्री तटों पर स्थित राज्यों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश में शंख बहुत अधिक मात्र मे पाए जाते हैं।रामेश्वरम मे पाया जाने वाले शंख उच्च कोटी के माने जाते हैं। शंख को बाजारों में भी खरीदा जा सकता है किन्तु असली शंख का पहचान होना आवश्यक है। इसलिए शंख को कुशल व्यक्ति द्वारा खरीदना चाहिए जो इसकी गुणवत्ता को समझता है और शंख की असली ध्वनि को जानता है। शंख बाजारों में अलग अलग आकार, रंग और गुणवत्ता में उपलब्ध होते हैं। आपको उनमें से असली शंख का चयन करना चाहिए जिसकी ध्वनि उपयुक्त हो।

इसका हिंदू और बौद्ध धर्म में महान धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। हिंदू धर्म मे शंख को भगवान विष्णु का एक पवित्र प्रतीक माना जाता है जो हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। शंख अक्सर धार्मिक समारोह, पूजा पाठ, आरती अथवा अनुष्ठानों में इसका उपयोग किया जाता है। शंख का उपयोग हिंदू और बौद्ध धर्म के परंपराओं में एक संगीत वाद्ययंत्र के रूप में भी किया जाता है। शंख को विशिष्ट, तेज, गहरी और गुंजयमान ध्वनि उत्पन्न करने के लिए बजाया जाता है। इसके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के अलावा कई स्वास्थ्य लाभ है। शंख मे औषधीय गुण होते हैं इसलिए इसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी किया जाता है, जिसका चर्चा हम करने जा रहे हैं।

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शंख बजाने के फायदे और नुकसान – Shankh bajane ke fayade aur nukasan

जैसा कि आप जानते है कि शंख का उपयोग धार्मिक कार्यों मे प्राचीन काल से ही होता आ रहा है। किन्तु अब इसका महत्व स्वास्थ्य लाभ मे भी बढ़ता जा रहा है। वैज्ञानिकों एवं चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य लाभ के लिए शंख बजाने का सलाह दिया जाने लगा है। शंख बजाने से पूरा शरीर रोमांचित हो जाता है जिससे बॉडी के सभी भागों जैसे आँख, कान, नाक, स्किन, पेट और श्वसन प्रणाली आदि का व्यायाम हो जाता है। इसी लिए कहा जाता है कि शंख बजाने से मन, शरीर और आत्मा को लाभ होता है। कुछ बीमारियों को छोड़कर बाकी सभी परिस्थिति एवं रोग मे शंख बजाने के लाभ ही लाभ होता है।

शंख बजाने के फायदे – Benefits of Blowing Conch Shell

शंख बजाना स्वास्थ्य के लिए कई माने मे लाभदायक होता है। इसको बजाने मात्र से बीमारियाँ दूर रहती हैं। शंख बजाने से ब्लड प्रेसर, ब्लोकेज, डायबिटीज, थायरॉयड, कैल्शियम की कमी को दूर करने मे लाभ मिलता है। शंख मे केल्शियम उच्च मात्रा मे होता है जो हड्डियों को मजबूत करता है। शंख की ध्वनि से मन को शांति मिलता है जो तनाव (स्ट्रेस) को कम करता है। शंख बजाने से सभी आन्तरिक अंग व मांशपेसियों का एक्सरसाइज होता है जिससे ये मजबूत होते हैं। गूंगे व्यक्तिीयों के शंख बजाना वरदान साबित हो सकता है जिससे उनकी आवाज वापस लाने मे मदद मिलता है। कुछ और फायदे निम्न हैं:

1. फेफड़े की क्षमता में सुधार: शंख बजाने मे फेफड़े पर जोर पड़ता है। इससे फेफड़े का व्यायाम अच्छे से हो जाता है जो फेफड़ा को मजबूती प्रदान करता है और इसके कार्यक्षमता मे धीरे धीरे सुधार होने लगता है। शंख बजाना एक अच्छा व्यायाम है जो आपके फेफड़ों और दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

2. स्वंसन प्रणाली मे सुधार: शंख बजाने के लिए गहरी सांस लेना होता है इस दौरान फेफड़ा पूरी तरह आक्सीजन से भर जाता है। शंख बजाने से गले, उच्चारण नली और नाक में वायु का संचार बहुत अधिक मात्रा मे होता है। इससे फेफड़ों में जमी हुई कफ और अन्य कचरे को निकालने में मदद मिलती है जो स्वस्थ फेफड़ों के लिए बहुत ज़रूरी होता है। इस क्रिया को बार बार दुहराने से स्वंसन प्रणाली मे सुधार होता है।

3. पाचन क्रिया और चयापचय में सुधार: शंख बजाने से पाचन क्रिया एवं चयापचय में सुधार होता है। शंख बजाने से पाचन शक्ति बढ़ती है और अन्न पचने के लिए जरूरी एंजाइम की उत्पत्ति में मदद मिलती है और अधिक एसिड बनने से भी बचाव होता है।

4. शरीर में रक्त संचार: जैसा की आपको पता है कि शंख बजाने के दौरान शरीर के सभी अंगों पर बहुत अधिक जोर पड़ता है। अधिक दबाव पड़ने पर शरीर की सभी क्रियाएं तेज हो जाती है जिसमे रक्त संचार प्रमुख है।

5. मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली: शंख बजाने से शरीर के सभी हिस्से मे आक्सीजन युक्त रक्त प्रवाहित होता है। जब शरीर मे आक्सीजन युक्त शुद्ध रक्त सभी तरह के बैक्टेरिया अथवा वायरस को नष्ट करने मे मदद करता है और रोगों से लड़ने मे भी मदद करता है। इस प्रकार शंख मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए बहुत लाभदायक होता है।

6. सूजन और दर्द मे लाभ: शंख बजाने से आपके शरीर में सूजन वाले अंगों में ब्लड का संचार बेहतर हो जाता है और उनमें इन्फ्लेमेशन कम होता है। शंख बजाने से एंटी-इन्फ्लेमेटरी और पेन किलर हार्मोन जैसे एनडोर्फिन और ऑक्सीटोसिन उत्पन्न होते हैं जो दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

7. मानसिक शांति: शंख की ध्वनि बहुत मनोरम होता है जो मन को शांत करने मे बहुत मदद करता है। इसी लिए प्राचीन काल से ही सभी धार्मिक कार्यों जिसका उद्देश्य शांति व सौहार्द प्राप्त करना होता है उसमे शंख की महत्व भूमिका रहा है और आज भी यह फलीभूत हो रहा है।

8. प्राणायाम की अभ्यास: शंख बजाने से प्राणायाम की अभ्यास करने में मदद मिलता है। शंख बजाने के दौरान गहरी सांस लेना और उसे धीरे धीरे छोड़ना प्राणायाम के तरीकों में से एक है। योग मे इस क्रिया को अनुलोम विलोम प्राणायाम के नाम से जाना जाता है।

9. शारीरिक सहनशक्ति मे लाभ: उपरोक्त सभी बिंदुओं के समायोग से शरीर मे सहने की शक्ति बढ़ाने मे बहुत मदद मिलता है।

10. याददाश्त और एकाग्रता मे लाभ: शंख बजाने के बाद हमारी मनोदशा शांत और स्थिर हो जाती है। इसके साथ साथ उपरोक्त सभी बिंदुओं के प्रभाव से हमारे मन को और शांत करने में मदद मिलता है जिससे हम ध्यान और एकाग्रता की स्थिति में आ जाते हैं। इसके अलावा शंख बजाने से हमारे मस्तिष्क के कुछ हिस्से जैसे हिप्पोकैम्पस, थलामस और अमिगडला एक्टिवेट दृढ़ होते हैं जो हमारी याददाश्त को सुधारते हैं। शंख बजाने से हमारे मस्तिष्क की स्थिति सुधारती है जिससे हमे याददाश्त मे मदद मिलती है। इस प्रकार शंख बजाने से हमारी याददाश्त और एकाग्रता में लाभ मिलता है।

11. बेहतर नींद मे लाभ: शंख की ध्वनि मेलोडियस होती है और जब उपरोक्त सभी बिंदुओं का प्रभाव होता है तो गहरी नींद लगती है।

12. संतुलित वातावरण: शंख की ध्वनि मात्र से वातावरण शांत, मनोरम वे सौहार्द पूर्ण हो जाता है। शरीर, मन और आत्मा को सुकून प्राप्त होता है जिससे आस पास का वातावरण संतुलित व ऊर्जावान हो जाता है।

13. शुद्ध वातावरण: शंख की ध्वनि से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। शंख बजाने के वैज्ञानिक कारण भी है जो  संगीत और वाद्ययंत्र के रूप में विभिन्न तरह के तरंग उत्पन्न होते हैं। इन तरंगों का प्रसार वातावरण में होता है जो वातावरण में मौजूद कीटाणु, बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट करते हैं। जिस कारण शंख बजाने से बाहर निकलने वाली तरंगें प्राकृतिक शुद्धता लाती हैं जिससे वातावरण में उपस्थित अनावश्यक तत्वों का नाश होता है और शुद्धता के स्तर को बढ़ता है।

14. सुंदरता मे लाभ: शंख बजाने से सौन्दर्य बढ़ता है। शंख को बजाने के दौरान नाभि और गले में विशेष तरह की वायु का संचार होता है और रक्त प्रवाह बढ़ जाता है जो त्वचा को खूबसूरत बनाने में मदद करता है। शंख बजाने से रक्त संचार बढ़ता है जो त्वचा को स्वस्थ और ताजगी प्रदान करने में मदद करता है जिससे त्वचा शाइनी, झुर्रियों से मुक्त व खिले खिले हो जाते हैं। शंख बजाते समय चेहरे की त्वचा में आसानी से खुलापन आता है जो उसमें सूजन और भारीपन को कम करता है। इससे चेहरे की त्वचा कम चिकनी होती है और उसमें नमी भी बनी रहती है।

15. मनोरंजन और आनंद की अनुभूति: शंख बजाना बहुत ही प्राचीन और प्रसिद्ध मनोरंजन कला है। इस वाद्य उपकरण की आवाज बहुत ही मनोहर होती है जो सुनने वालों के मन को शांत करती है और आनंद का अनुभव कराती है।

16. आध्यात्मिक विकास: शंख को आध्यात्मिक साधन के रूप में भी उपयोग किया जाता है। शंख की ध्वनि में उन तीनों गुणों का संगम होता है जो संतुलित वातावरण के लिए आवश्यक होते हैं – सत्व, रज, और तम। शंख बजाने का प्रचलन आध्यात्मिक विकास के लिए दुनिया भर में है। शंख को ध्यान और मेधा का प्रतीक माना जाता है जो मन को शांति और शुद्धता के साथ एकीकृत करता है जो आध्यात्मिक विकास मे सहायक होता है।

शंख बजाने के नुकसान – Disadvantage of Blowing Conch Shell

Disadvantages of Blowing Shankh: शंख बजाने का कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन यदि आप अधिक मात्रा में शंख बजाते हैं तो आपके कानों में दर्द हो सकता है। शंख बजाने से पहले आपको हाथ धोना अत्यंत आवश्यक होता है क्योंकि शंख की आन्तरिक तथा बाहरी सतह पर कीटाणु या धूल की मौजूद हो सकते हैं जो आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

शंख के विभिन्न प्रकार – Types of Conch Shell

1. दक्षिणावर्ती और वामावर्ती: शंख दो प्रकार के होते हैं – दक्षिणावर्ती और वामावर्ती। इनमें से दक्षिणावर्ती शंख अधिक प्रसिद्ध होते हैं और इन्हें धार्मिक उत्सवों में बजाने का उपयोग किया जाता है।

2. प्रकृति के अनुसार: शंख को प्रकृति के अनुसार वर्णित किया जाता है – श्वेत, पीत, लाल, काला, और हरित।

निष्कर्ष (Conclusion)

शंख बजाने के स्वास्थ्य में लाभ अनगिनत हैं। यह सिर्फ धार्मिक कार्यों तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसका उपयोग दैनिक जीवन में स्वस्थ्य रहने और अच्छे मानसिक संतुलन की प्राप्ति के लिए भी किया जाता है। शंख हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। शंख भारतीय संस्कृति में अद्भुत महत्व रखता है। इसे धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक अवसरों में उपयोग किया जाता है। शंख का ध्वनि मन को शांत करता है, आत्मशुद्धि का अनुभव कराता है और सांस्कृतिक एवं धार्मिक त्योहारों में एकता का संदेश पहुंचाता है।

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. क्या शंख बजाने से वास्तविकता में कोई असर होता है?

जी हां, शंख का ध्वनि मानसिक शांति और सकारात्मकता को बढ़ाता है और वास्तविकता में एक सकारात्मक बदलाव लाता है।

2. क्या शंख को वास्तु शास्त्र में उपयोग करना फायदेमंद होता है?

जी हां, शंख को वास्तु शास्त्र में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है और इससे घर में संतुलन का माहौल बना रहता है।

3. रोज शंख बजाने से क्या होता है?

प्रतिदिन शंख बजाने नसों के ब्लॉकेज खुलते हैं जिससे हार्ट की बीमारियों का खतरा बहुत कम हो जाता है। यदि किसी को सांस संबंधी समस्या है तो उसे प्रतिदिन शंख बजाने से लाभ मिलता है। क्योंकि शंख बजाने से श्वसन प्रणाली की एक्सरसाइज होती है।

4. शंख को विभिन्न रंगों में पाया जाता है?

जी हां, शंख को विभिन्न रंगों में पाया जाता है जैसे श्वेत, पीत, लाल, काला, और हरित।

5. क्या शंख का ध्वनि संगीत में इस्तेमाल होता है?

हां, शंख का ध्वनि संगीत में वाद्य यंत्र के रूप में उपयोग किया जाता है और इससे संगीत के अंतिम समय का संकेत मिलता है।

6. क्या शंख बजाने का ध्वनि स्वास्थ्य के लिए वास्तविकता से जुड़ा है?

हां, शंख के बजने का ध्वनि कई शारीरिक और मानसिक लाभ प्रदान करता है और इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी समर्थन मिलता है।

7. क्या शंख बजाने से नींद आती है?

शंख बजाने का ध्वनि नींद को सुधारने में मदद करता है। यह अनिद्रा से पीड़ित व्यक्तियों के लिए फायदेमंद होता है।

8. क्या शंख बजाने से तनाव कम होता है?

शंख बजाने से शरीर में आरामप्रद विभाव होता है जिससे तनाव कम होता है और व्यक्ति के दिनचर्या में सकारात्मक बदलाव होता है।

9. क्या शंख बजाने से शारीरिक संतुलन सुधारता है?

हां, शंख बजाने से शरीर का संतुलन सुधारता है, जिससे चक्कर आने की समस्या कम होती है और व्यक्ति के साथियों की सबसे आवश्यकता नहीं पड़ती है।

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