बेल का फल औषधीय गुणों से भरपूर गोल आकार का फल है जो गर्मियों के मौसम में पाया जाता है। बेल फल हरा, भूरा, सफेद जो पकने पर पीला रंग का होता है जिसका छिलका बहुत कठोर व सख्त होता है किन्तु इसके अन्दर का हिस्सा गुद्देदार, रसीला जिसमे छोटे छोटे सफेद रंग के बीज होते है। बेल का फल सुगंधित, स्वाद में थोड़ा खट्टा, कसैला होता है जो पकने पर बहुत मीठा लगता है। खाली पेट बेल का जूस पीने के फायदे बहुत हैं जो शरीर में ताजगी भरी ठंडक प्रदान करता है, पाचन क्रिया को मजबूत करता है और शरीर के विभिन्न समस्याओं से बचाता है एवं स्वस्थ रखने मे मदद करता है।
यह फल एक एंटी-ऑक्सीडेंट, औषधीय गुण से परिपूर्ण एवं पोषक तत्त्वों से भरपूर होता है जिसमे विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन के, फोलिक एसिड, फाइबर, निकोटिनिक एसिड, कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम, आयरन पर्याप्त मात्रा में होते हैं। बेल में प्रोटीन, बीटा-कैरोटीन, थायमीन, और राइबोफ्लेविन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। बेल का फल आँखों के स्वास्थ्य, मधुमेह नियंत्रण, अनिंद्रा दूर करने में मदद करता है और साथ ही साथ मस्तिष्क के लिए भी फायदेमंद होता है। बेल खाने में स्वादिष्ट, सुगंधित, रसदार एवं पौष्टिकता का भण्डार होता है जो विभिन्न विधियों से खाया जा सकता है जैसे कि स्लाइस, जूस, जैम, शेक आदि के रूप में इसका सेवन किया जाता है।
बेल का वैज्ञानिक नाम एगले मार्मेलोस (Aegle Marmelos) है। बेल को विभिन्न भाषाओं में अलग अलग नाम से जाना जाता है। हिंदी भाषा में “बेल”,”बेल का फल” या “बेलफल” व “श्रीफल” कहते है जिसका अंग्रेजी में नाम वुड एप्पल (Wood Apple) है। बेल को संस्कृत भाषा में बिल्व, शैलूष, शाण्डिल्य, श्रीफल व सदाफल कहते हैं, असमीज (आसाम में), बंगाली, उर्दू, कोंकणी, नेपाली में बेल, उड़िया में बेलो व बेलथाई, तेलुगु में मारेडु, गुजराती में बीली, तमिल में बिल्वम व बिल्वपझम, मराठी में बीली व बोलो के नाम से जाना जाता है। बेल को विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं और पारंपरिक चिकित्साओं में उपयोग किया जाता है।
बेल के फल का वृक्ष
बेल का वृक्ष एक बड़ा पर्णपाती वृक्ष होता है जो अक्सर उष्ण कटि-बंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। यह एक मध्यम आकार का वृक्ष होता है जो लगभग 15-20 मीटर ऊँचा होता है। इसके पत्ते आमतौर पर गहरे हरे रंग के होते हैं जो लगभग 5 से 15 सेमी लम्बे होते हैं। इसके एक पत्ते में तीन पत्तियाँ जुड़ी होती हैं। इसका फल, छाल, पत्ते, जड़ में चिकित्सिये गुण होते हैं जिसका अधिक उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। इसके फल प्राकृतिक रूप से गर्मी के मौसम में पकते हैं। बेल का फल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है जो खांसी, सर्दी, फेफड़ों की समस्याओं, थकान, दर्द आदि रोगों के इलाज के लिए भी उपयोगी होता है।
खाली पेट बेल का जूस पीने के फायदे | बेल का जूस बेनिफिट्स
क्या आप जानते हैं कि बेल के फल का जूस एक लोकप्रिय स्वस्थ प्राकृतिक पेय का विकल्प है। यह जूस स्वादिष्ट और सुगंधित पेय भी है। इसमें विभिन्न पोषक तत्व, विटामिन्स, मिनरल्स आदि की भरपूर मात्रा पाया जाता है इसलिए बेल फल का जूस एक स्वस्थ और पोषण-पूर्ण शरबत है जो आपके शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। तो आइए खाली पेट बेल का जूस पीने के फायदे के बारे में विस्तार से जानते हैं।
1. पाचन तंत्र सुधारने में लाभदायक: खाली पेट बेल का जूस पीना आपकी पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। बेल के जूस में फाइबर होता है जो पाचन तंत्र सुधरता है, यह भोजन को पचाने में मदद करता है। यह अपच से बचाने में भी मदद करता है और अपच की समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। यह आपकी शरीर के अवशिष्ट भोजन को आसानी से अवशोषित करने में मदद भी करता है।
2. वजन कम करने में सहायक: खाली पेट बेल का जूस पीने से वजन कम करने में मदद मिलती है। यह जूस गरिष्ट होता है इसलिए आपकी भूख कम करने में मदद करता है। आपको ज्यादा खाने से रोकता है और आपके शरीर में जमी हुई विषैली पदार्थों को बाहर निकालता है। यह आपके शरीर के अतिरिक्त फैट को घटाने में भी मदद करता है।
3. त्वचा के लिए फायदेमंद: खाली पेट बेल का जूस पीने से त्वचा को फायदा मिलता है। इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है, यह त्वचा की चमक बढ़ाता है और त्वचा के झुर्रियों और अन्य समस्याओं को कम करने में मदद करता है। बेल का जूस त्वचा को फीकी और बेजान से नहीं लगने देता और त्वचा को निखारने में भी मदद करता है।
4. इम्यून सिस्टम मजबूत रखने में सहायक: खाली पेट बेल का जूस पीने से आपके शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। बेल का जूस विटामिन सी का अच्छा स्रोत होता है जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। इसके कारण आपके शरीर में रोगों से लड़ने के लिए शक्ति बढ़ती है।
5. कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में सहायक: बेल के जूस में पाए जाने वाले अन्य तत्वों के साथ-साथ फाइबर भी होता है जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है। बेल फल का जूस ट्राइग्लिसराइड्स, सीरम और टिश्यू लिपिड प्रोफाइल को नियंत्रित करता है जिससे कोलेस्ट्रॉल का संतुलन बना रहता है।
6. हाइड्रेशन में लाभदायक: खाली पेट जूस पीने से शरीर में तरलता बना रहता है। यह शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है और एक स्वस्थ त्वचा के लिए भी उपयोगी होता है।
7. स्ट्रेस कम करने में लाभदायक: खाली पेट बेल का जूस पीने से आपके शरीर में स्ट्रेस कम होता है। इससे आपकी मानसिक स्थिति में सुधार होता है।
8. विटामिन और मिनरल्स की आपूर्ति: खाली पेट जूस पीने से आपको विभिन्न विटामिन और मिनरल्स की आपूर्ति मिलती है। इससे आपके शरीर के लिए आवश्यक तत्वों की कमी की पूर्ति होता है।
9. शरीर के विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक: खाली पेट बेल का जूस पीने से आपका शरीर विषैले पदार्थों से मुक्त होता है। यह आपके शरीर के विषैले पदार्थों को निकालने में मदद करता है जो आपके शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं।
10. ब्लड प्रेशर के नियंत्रण में सहायक: बेल जूस में पोटेशियम की अच्छी मात्रा होती है बेल का जूस ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं। अगर आप बेल के जूस में एक छोटा चम्मच घी मिलाकर पीते है तो यह दिल की बिमारिओं बहुत में लाभदायक होता है जिससे हार्ट स्ट्रोक या हार्ट अटैक से बचने में बहुत सहायता मिलता है।
11. खून साफ करने में उपयोगी: बेल के जूस से शरीर के रक्त की सफाई में मदद मिलता है। इससे दाग धब्बे को ठीक करने भी मदद मिलता है। बेल के रस को और प्रभावी बनाने के लिए इसमें थोड़ा गरम पानी व एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें।
12. सांस की समस्या में उपयोगी: बेल फल के रस का सेवन अस्थमा या सर्दी जैसी सांस संबंधी समस्याओं को दूर करने में बहुत लाभकारी होता है।
13. गैस्ट्रिक अल्सर ठीक करने में सहायक: बेल फल की रस का सेवन करके आप गैस्ट्रिक अल्सर ठीक कर सकते हैं। इसमें मौजूद फेनोलिक कंपाउंड के अन्दर बहुत अधिक मात्रा में एंटी-ऑक्सिडेंट पाए जाते हैं जो गैस्ट्रिक अल्सर को कम करने में सहायक होते हैं जिससे आपको गैस्ट्रिक अल्सर को ठीक करने में बहुत लाभ मिलता है।
14. डाइबिटीज के रोकथाम में सहायक: बेल के रस की मदद से पैंक्रियाज़ में पर्याप्त इन्सुलिन का निर्माण होता है जो डाइबिटीज के नियंत्रण में मुख्य भूमिका निभाता है।
15. डायरिया व हैजा के रोकथाम में सहायक: बेल के फल के रस में पाया जाने वाला टैनिन नाम का कंपाउंड डायरिया व हैजा जैसी बीमारियों में बहुत लाभप्रद होता है। बेल के रस से बवासीर एवं सफेद दाग के इलाज में भी बहुत लाभ मिलता है। बेल का रस इतना गुणकारी है कि एनीमिया, कान और आँख के उपचार में भी बहुत उपयोगी होता है।
16. कब्ज व एसिडिटी में लाभदायक: बेल के रस का नियमित सेवन से कब्ज व एसिडिटी में बहुत अधिक लाभ मिलता है। यदि आप इसके रस का सेवन लगातार कुछ महीनो (2 से 3 महीने) तक करते है तो पुरानी से पुरानी कब्ज व एसिडिटी की समस्या से निजात पा सकते हैं।
17. गुणकारी एंटीऑक्सिडेंट: बेल जूस में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाली क्षति को कम करते हैं।
18. उच्च फाइबर: बेल जूस में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो पाचन प्रक्रिया को स्वस्थ रखता है और कब्ज को दूर करता है।
19. कैंसर को रोकने में सहायक: बेल जूस में अधिक मात्रा में एंटी-ऑक्सिडेंट होते हैं, जो कैंसर के खतरे को कम करते हैं। स्तन कैंसर के नियंत्रण के लिए नियमित रूप से इस रस का सेवन करना बहुत उपयोगी साबित होता है।
20. सूजन कम करने में सहायक: बेल के रस में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसके सेवन से हिस्टामाइन से प्रेरित संकुचन कम करने में मदद मिलता है। बेल का जूस इसी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के कारण आपके शरीर के अंदर कहीं सूजन है तो उसे ठीक करने में बहुत अधिक मदद मिलता है।
आशा है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी और आप इसका लाभ उठायेंगे। यदि आपको इस जानकारी से किसी भी तरह का लाभ हुआ है तो आप जरूर कमेन्ट करे इससे हमें प्रसन्नता होगी और प्रोत्साहना भी मिलेगी।
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