शेयर मार्केट कैसे सीखे | Share Market Kaise Sikhe

पैसा कमाना सबका सपना होता है। सभी लोग किसी ना किसी माध्यम से पैसा कमाते है। पैसा कमाने के विभिन्न तरीरकों मे से एक शेयर मार्केटिंग करना भी है। यहाँ बहुत पैसा है जिसका अंदाजा हम और आप नहीं लगा सकते। कलेकिन यहाँ रिस्क भी बहुत है। यहाँ कुछ लोग जीरो से हीरो बनते हैं तो कुछ हीरो से जीरो। ऐसी कई कहावते हैं जो आपने भी कहीं ना कहीं सुनी होगी। ये केवल कहावत ही नहीं हैं हकीकत मे ऐसा होता है। तो इसके लिए सही रास्ता यहीं है कि इस मार्केट को अच्छी तरह समझकर, इसके अप्स-डाउन जानकर यहाँ अपना कदम रखना चाहिए।

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Share Market Kaise Sikhe

शेयर मार्केट कैसे सीखे | Share Market Kaise Sikhe

शेयर मार्केट सीखने के लिए आपको सबसे पहले बेसिक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। आप इंटरनेट के माध्यम से शेयर मार्केट के बारे में बेसिक जानकारी ले सकते हैं। वहां आपको शेयर मार्केट के टर्म्स, नियम, निवेश और ट्रेडिंग के तरीकों के बारे जानकारी मिल जाता है। आप किसी निवेशक के सलाह ले सकते हैं या फिर एक प्रोफेशनल ट्रेडर या एनालिस्ट के द्वारा लिखी गई ब्लॉग्स एवं किताबें पढ़ सकते हैं। आज हम शेयर मार्केट कैसे सीखे (Share Market Kaise Sikhe) के बेसिक जानकारी के बारे मे बात जानेंगे। इसके बाद धीरे-धीरे आपको अधिक जानकारी होने लगेगी और आप एक उत्तम निवेशक बनेंगे।

शेयर मार्केट क्या है | Share Market Kya Hai | What is Share Market

शेयर मार्केट एक बहुत बड़ा प्लेटफार्म है जहां निवेशको द्वारा लिस्टेड कंपनियों के शेयर, बॉन्ड, डेरिवेटिव और अन्य वित्तीय उपकरणों की खरीद और बिक्री किया जाता है।

शेयर क्या है | Share Kya Hota Hai | Share Kya Hai

शेयर क्या होता है (What is Share): शेयर किसी कंपनी के कुल पूँजी का एक भाग, हिस्सा अथवा अंश होता है।

शेयर मार्केट कैसे काम करता है | Share Market Kaise Kam Karta Hai

शेयर बाजार एक ऐसा स्थान है जहां लिस्टेड कंपनियों के शेयर, बॉन्ड और अन्य वित्तीय परिसंपत्तियों को निवेशकों द्वारा खरीदा और बेचा जाता है। इस मार्केट में कई प्रमुख भागीदार होते हैं जिनसे यह बाजार सुचारु रूप से चलता रहता है। शेयर बाजार का काम कैसे करता है, यह समझने के लिए पहले इसके भागीदारों को समझना जरूरी है। भारतीय शेयर बाजार में प्रमुख भागीदार होते हैं:

भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI)

सेबी भारत में शेयर बाजारों का नियामक (Regulatory) है। यह सुनिश्चित करता है कि भारत में प्रतिभूति बाजार कुशलतापूर्वक और पारदर्शी तरीके से काम करें। इसके लिए आवश्यक नियम बनते हैं जिन्हें विनिमय (Exchanges), कंपनियों, ब्रोकरस् और अन्य भागीदारों को पालन करना होता है। सेबी निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए नियामक ढांचा तैयार करता है जिससे समय समय पर आवश्यकता के अनुसार संशोधित करता रहता है। यह सभी भागीदारों के हितों का भी संरक्षण करता है।

विनिमय (Exchange)

स्टॉक एक्सचेंज शेयर बाजार निवेशकों को शेयर, बॉन्ड और डेरिवेटिव का व्यापार करने की अनुमति प्रदान करता है। शेयर मार्केट के एक्सचेंज बोर्ड में खरीददार और विक्रेता आपस में शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं। ये एक्सचेंज शेयर मार्केट की निगरानी और प्रबंधन का काम करते हैं और नियमों की पालना सुनिश्चित करते हैं। भारत में दो एक्सचेंज हैं, पहला, एन एस ई (NSE) और दूसरा, बी एस ई (BSE) जो नियामक यानि सेबी (SEBI) के निगरानी में कार्य करते हैं।

स्टॉक ब्रोकर और ब्रोकरेज (Stockbrokers and Brokerages)

शेयर बाजार में निवेशकों के लिए शेयर खरीदने और बेचने की सेवाएं प्रदान करने वाला एक व्यक्ति या कंपनी होता है जिसे हम स्टॉक ब्रोकर कहते हैं। उनकी मुख्य भूमिका विभिन्न शेयरों की खरीद-बिक्री का प्रबंधन करते हुए निवेशकों को निवेश के लिए सलाह देना। वे शेयर बाजार में लेन-देन की प्रक्रिया को सहज और सुरक्षित बनाते हैं। इस सेवा के बदले में वे निवेशकों से एक शुल्क या कमीशन लेते हैं जिसे ब्रोकरेज कहा जाता है।

निवेशक और ट्रैडरस् (Investors and Traders)

निवेशक वे लोग होते हैं जो किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं और उन्हें लंबे समय तक अपने पास रखते हैं। वे उस कंपनी के हिस्सेदार होते हैं। वही दूसरे तरफ ट्रेडर्स किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं परन्तु उन्हें अपने पोर्टफोलियो मे होल्ड करके नहीं रखते और जब भी उनके शेयरों का मूल्य बढ़ता है वे उन्हें बेच देते हैं।

शेयर मार्केट के सेगमेंट | Share Market Segment

शेयर बाजार में, प्राथमिक बाजार और द्वितीयक बाजार दो प्रमुख बाजार सेगमेंट्स होते हैं।

  1. प्राथमिक बाजार: प्राथमिक बाजार में नए शेयरों की बिक्री होती है। प्राथमिक बाजार में नई कंपनियाँ अपने शेयर जारी करती हैं और पूंजी जुटाते हैं जो उनके विकास और व्यापार के लिए उपयोगी होता है।
  2. द्वितीयक बाजार: द्वितीयक बाजार में पहले से ही लिस्टेड कंपनियों के शेयरों की खरीद-बिक्री होती है।

शेयर मार्केट कैसे सीखे | Share Market Kaise Sikhe in Hindi

शेयर बाजार की शुरुआती समझ

आत्म जागरूकता (Self Awareness)

शेयर बाजार सीखने के लिए सबसे पहले अपने आप के इंटररेस्ट को जानना जरूरी है क्योंकि बिना इंटररेस्ट के हम कोई काम लम्बे समय तक नहीं कर सकते चाहें हमें जानकारी ही क्यों न हो। इसलिए यह जानना आवश्यक है कि आपको शेयर मार्केट मे कितना इन्टरेस्ट है। ऐसा तो नहीं कि आप किसी दूसरे से मोटिवेट होकर या पैसा कामने के जल्दी के लालच मे आकर शेयर मार्केट मे कदम रखना चाहते हैं। इसके लिए आपकी दृढ़ इच्छा शक्ति होना जरूरी है तभी आप यहां सफल हो सकते हैं। तो पहले आप अपने आप को टटोले की आप क्या करना पसन्द करते हैं।

वितीय समाचार पढ़े या देखें (Keep up with Financial News)

यदि आपने अपने इच्छा और इन्टरेस्ट के अनुसार मन बना लिया कि आप शेयर मार्केट मे कदम रखेंगे तो सबसे पहले आपको इसके बारे मे जनरल जानकारी से रूबरू होना होगा। इसके लिए आप वित्तीय समाचार के साथ साथ राजनैतिक, ग्लोबल न्यूज पर नजर रखना शुरू करें। इसके आपको बाजार से संबधित अपडेट्स के साथ साथ सीखने को भी मिलगा।

किताबे पढ़े (Read Books)

किसी भी विषय पर खुद को शिक्षित करने का एक प्रूव्ड तरीका उस विषय पर लिखी किताबें पढ़ना है। इसी तरह आप भी विभिन्न प्रसिद्ध एवं सफल निवेशकों के द्वारा या उनके बारे में लिखे किताबें पढ़कर शेयर बाजार के बारे में बहुत सारा ज्ञान प्राप्त करना चाहिए और अपने Stock Market की यात्रा को स्टार्ट करना चाहिए।

विशेषज्ञ को फॉलो करें (Follow a Mentor)

शेयर बाजार के एक्सपर्ट आपको इस यात्रा मे बहुत सहायता कर सकते हैं। उन्हे इस बाजार का समझ होता है। इस लिए आपको किसी अनुभवी व एक्सपर्ट व्यक्ति को अपना मेन्टर बना सकते हैं जिसके आपको सही जानकारी मिलती रहे।

आप एक अच्छे गुरु द्वारा दिए गए मार्गदर्शन से शेयर बाजार में अपना पैठ जमा सकते हैं। आपका मेन्टर (गुरु) वित्तीय क्षेत्र मे कार्यरत कोई व्यक्ति, उद्यमी या कोई पड़ोसी या रिश्तेदार भी हो सकता है जिसकी इस बाजार के विषय पर अच्छी पकड़ हो। एक अनुभवी और जानकार सलाहकार आपको बुनियादी बातें समझने और शेयर बाजार की अंतर्निहित जटिलताओं से अवगत कराने में मदद करता है। लेकिन इनका चुनाव भी बहुत सोच समझकर और जांच पड़ताल के बाद ही करना चाहिए कि उनका क्या अनुभव है, कैसे काम करते हैं, मार्केट मे या स्थानीए स्तर पर उनका क्या क्रेडिबिलिटी है आदि।

ब्लॉग पढ़े (Read Blogs)

आपको शेयर मार्केट से जुड़े अच्छे आर्टिकल पढ़ना चाहिए जिससे आपको शी जानकारी प्राप्त हो सके। इंटरनेट पर बहुत अच्छी अच्छी साइट हैं जो शेयर मार्केट के बारे मे सटीक जनक्री उपलब्ध करती हैं। आप इन्हे फॉलो कर सकते है जिससे आपको नई नई अपडेट मिलता रहे।

सही ब्रोकर का चयन

अब यदि आपने शेयर मार्केट से जुड़ी बेसिक जानकारी ले चुके हैं तो अवश्य ही आपको शेयर मार्केट की समझ हो गई होगी। अब आप एक कदम आगे बद सकते हैं। इसके लिए उपरोक्त बिंदुओं के आधार पर एक विश्वशनीय ब्रोकर का चुनाव करना चाहिए। इसके लिए आप अनलाइन एप्पस (Apps) का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये एप्प हमारे सुविधा के लिए स्टॉक ब्रोकर ने ही बनाया है। लेकिन इसमे भी इनके फीचर, इंटरफ़ेस, ब्रोकरेज और बाजार मे शाख (विश्वास) के आधार पर चुनाव करना चाहिए। सही ब्रोकर का चयन आपको हेसल फ्री प्लेटफार्म उपलब्ध करता है। कुछ ब्रोकर के एप जैसे ग्रो (Groww), जीरोधा (Zerodha), एंजाल वन (Angle One) आदि है।

डिमैट अकाउंट खोलें

विश्वशनीय ब्रोकर का चुनाव का चुनाव करने के बाद आपको इन एप के माध्यम से डिमैट अकाउंट (Demat Account) ओपन करना चाहिए। इसके लिए आपको कुछ डॉक्युमेंट्स की आवश्यकता होगा जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक या केंसील चेक, ईमेल आइडी, मोबाईल नंबर। बिना इस अकाउंट के आप शेयर मार्केट मे काम नहीं कर सकते क्योंकि इसी अकाउंट मे आपका शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप मे स्टोर होता है। जहां से आप इसे खरीद व बेच सकते हैं।

निवेश रणनीति तैयार करें

निवेश रणनीति तैयार करने के लिए सबसे पहले आपको यह तय करना चाहिए कि आपके निवेश का मुख्य उद्देश्य क्या है। आपको यह भी सोचना चाहिए कि आप कितने समय के लिए और कितना रिस्क लेने के लिए तैयार हैं। आपको निवेश के विभिन्न विकल्पों का अध्ययन करना चाहिए। आपको अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार उनमें से सबसे एक का चुनाव करना चाहिए। जैसे: शॉर्ट टर्म निवेश, लॉंग टर्म निवेश, बॉन्ड, ETF, Index Fund या म्यूचूअल फंड आदि।

कंपनियों का मौलिक विश्लेषण करें

कंपनियों का मौलिक विश्लेषण करना निवेश रणनीति तैयार करने का महत्वपूर्ण हिस्सा है। सबसे पहले आपको कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य, उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता, बाजार में कंपनी की स्थिति, उसकी प्रतिस्पर्धा और प्रबंधन की क्षमता का जानकारी लेना चाहिए। इससे आप कंपनी की सटीक मूल्यांकन कर सकेंगे। और आप यह भी जान सकेंगे कि क्या यह कंपनी आपके निवेश के लिए उपयुक्त है या नहीं। अगर आप कंपनी के बारे में सही जानकारी नहीं रखेंगे तो आपका निवेश का निर्णय गलत हो सकता है और नुकसान भी उठाना पड सकता है।

तकनीकी विश्लेषण की तकनीकें जानें

शेयर मार्केट की तकनीकी विश्लेषण की तकनीकें सीखने के लिए विभिन्न स्रोतों का सहारा लेना चाहिए। आप बुक्स, वेबसाइट्स, वीडियो, ब्लॉग्स और ऑनलाइन य ऑफलाइन कोर्सेस आदि के माध्यम अपना सकते है जो आपको तकनीकी विश्लेषण के मूल तत्वों को समझाने में मदद करते हैं। आपको चार्ट पैटर्न्स, इंडिकेटर्स और ट्रेडिंग स्ट्रैटेजीज आदि के बारे में ऑनलाइन ट्यूटोरियल्स देखना चाहिए। आप अधिक समय तक शेयर मार्केट के बारे में पढ़ते रहेंगे तो आपको तकनीकी विश्लेषण की तकनीकों को समझने में सहायक होगा और आप अपने निवेश का फैसला स्वतंत्रता से ले सकेंगे।

बाजार के ट्रेंड के साथ अपडेट रहें

यदि आप ऊपर के सारे बिन्दुओ को फॉलो करते हैं तो इसका मतलब है कि आप बाजार के ट्रेंड के बारे मे अपडेटेड है। फिर भी आपको और बारीकी से बाजार कों अब्ज़र्व कारना चाहिए जिसके आपको नई नई जानकारी मिलता है।

निवेशों का मॉनिटरिंग और समीक्षा करते रहें

निवेशों का मॉनिटरिंग और समीक्षा करते रहना चाहिए। इसके लिए आप ऊपर दिए गए सभी बिन्दुओ को ध्यान मे रखे और अपने पोर्ट्फोलीओ की तुलना करते रहें। यह गुण आपमे समय और अनुभव के साथ बढ़ता रहेगा।

विविध पोर्टफोलियो बनायें

आपको अपने पोर्टफोलियो मे अलग अलग सेक्टर और अलग अलग कम्पनीयों के शेयर रखना चाहिए। यह निवेश रणनीति का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ऐसा करने से आपके पोर्टफोलियो पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ता जबतक कि बाजार मे कोई बहुत बड़ा बदलाव ना आए। आपको अलग अलग सेक्टर की कंपनी मे निवेश करना चाहिए जैसे कि रियल स्टेट, FMCG, सिमेन्ट, आयल, टेक आदि। आप एक ही सेक्टर के अलग अलग कंपनी मे भी उनके आर्थिक प्रदर्शन को ध्यान मे रखते हुए निवेश करना चाहिए जो आपके पोर्टफोलियो को एक सही बैलेंस प्रदान करते हैं।

गलतियों से सीखें

कई चीज अपनी गलतियों से सिखा जा सकता है। ऐसे ही शेयर मार्केट भी है जिसमे गलती करते करते हम सीखते रहते हैं। लेकिन अब का दौर ऐसा है कि हम दूसरे की गलतियों से हम जल्दी और ज्यादा सिख सकते हैं क्योंकि इंटरनेट पर बहुत ऐसे लोग है जो अपने मिस्टेकस् (गलतियों) को साझा करते रहते हैं। कुछ हद तक उनके अनुभव और गलतियों का लाभ हमे लेना चाहिए और सीखना चाहिए।

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