Income Tax Refund: क्या अभी तक आपका भी इनकम टैक्स रिफंड नहीं आया है। इसके लिए आपको अपने द्वारा दी गई इंकम टैक्स रिटर्न की जानकारी मे यह चेक करना है कि कहीं आप भी अपने बैंक अकाउंट की जानकारी गलत तो नहीं भर दी क्योंकि अभी तक इनकम टैक्स डिपार्ट्मन्ट के पास इनकम टैक्स रिफंड के 35 लाख मामले पेंडिंग पड़े हैं। वैसे तो ये टैक्स रिफंड के पेंडिंग मामले कई कारणों से हैं जिसमें से एक कारण टैक्सपेयर द्वारा गलत बैंक अकाउंट की जानकारी देना है। बैंक अकाउंट की गलत जानकारी देना टैक्स रिफंड अटकने के बड़े कारणों में से एक है।
क्या अभी तक आपका भी इनकम टैक्स रिफंड नहीं आया?
Income Tax Refund: क्या अभी तक आपका भी इनकम टैक्स रिफंड नहीं आया है। इसके लिए आपको अपने द्वारा दी गई इंकम टैक्स रिटर्न की जानकारी मे यह चेक करना है कि कहीं आप भी अपने बैंक अकाउंट की जानकारी गलत तो नहीं भर दी क्योंकि अभी तक इनकम टैक्स डिपार्ट्मन्ट के पास इनकम टैक्स रिफंड के 35 लाख मामले पेंडिंग पड़े हैं।
वैसे तो ये टैक्स रिफंड के पेंडिंग मामले कई कारणों से हैं जिसमें से एक कारण टैक्सपेयर द्वारा गलत बैंक अकाउंट की जानकारी देना है। बैंक अकाउंट की गलत जानकारी देना टैक्स रिफंड अटकने के बड़े कारणों में से एक है। यदि आपका भी इनकम टैक्स रिफन्ड अभी तक नहीं मिला तो आपको एक बार इनकम टैक्स पोर्टल पर लॉग इन करके यह चेक करना चाहिए कि कहीं अपने अपना बैंक अकाउंट डीटेल गलत तो नहीं भर दिया। यदि गलत भर दिया है तो उसे सुधारे।
इनकम टैक्स रिफन्ड नहीं मिलने का कारण | Reason for not getting Income Tax Refund
सीबीडीटी (CBDT) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने बताया कि टैक्स रिफन्ड जारी करने के लगभग 35 लाख मामले अभी लम्बित है। ये लंबित मामले ऐसे हैं जो टैक्सपेयर्स द्वारा गलत बैंक अकाउंट डीटेल देने के कारण है। इनकम टैक्स डिपार्ट्मन्ट के पास इनकम टैक्स रिफंड के ये पेंडिंग मामले गलत बैंक अकाउंट डीटेल या वेरिफीकेशन न होने के कारण है। इन मामले को निपटारे के लिए इनकम टैक्स डिपार्ट्मेन्ट (Income Tax Department) टैक्सपेयर्स से सम्पर्क करने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए डिपार्ट्मन्ट के अधिकारियों द्वारा एक स्पेशल कॉल सेंटर बनाया गया है।
टैक्सपेयर्स को आयकर विभाग द्वारा ई मेल के माध्यम से भी इस बारे मे जानकारी दी जा रही है और सही डीटैल कलेक्ट कर Income Tax Refund मामले का निपटारा किया जा रहा है। चेयरपर्सन गुप्ता के अनुसार इनकम टैक्स डिपार्ट्मेन्ट रिफन्ड के इन लम्बित मामलों को जल्द से जल्द निपटाने के कोशिश कर रहा है।
मिस्टर गुप्ता ने कहा कि ऐसे टैक्सपेयर्स को ई-मेल पर बताया जा रहा है जिनका रिफन्ड भुगतान अभी तक नहीं प्राप्त हुआ है। टैक्सपेयर्स को भेजे गये ई-मेल में बताया जाता है कि ई-मेल भेजे जाने के दिन से तीन दिन बाद एक स्पेशल नंबर से कॉल आएगी। इस प्रकार कॉल करके बातचीत के बाद ऐसे मामलों का निपटारा किया जा रहा है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के प्रमुख के अनुसार, मैसूरु मे स्थित कॉल सेंटर इंटरेक्शन के बाद पिछले साल 1.4 लाख ऐसी एंट्री का निपटारा किया है। शुरु के दिनों में ये कॉल सेंटर चार रेंजों कर्नाटक और गोवा, मुंबई, दिल्ली और उत्तर-पश्चिम एरिया के लिए काम कर रहा था लेकिन अब विभाग की योजना के अनुसार इसे अन्य एरिया में भी विस्तार किया जा रहा है।
पुराने लम्बित मामले का हुआ निपटारा
कुछ पुराने पेंडिंग मामले जो 2010-11 से लम्बित है उनका भी निपटारा किया जा रहा है। इतने पुराने टैक्स रिफन्ड का डिमांड इस लिए आ रहा है क्यूंकि 2010-11 मे डिपार्ट्मेन्ट ने पेपर वर्क से कंप्युटर सिस्टम मे शिफ्ट किया था जिसमे कुछ केस पर्याप्त डॉक्युमेंट नहीं होने के कारण अपडेट नहीं किया जा सका था। अब वे केस आ रहे हैं। इसके लिए डिपार्ट्मेन्ट द्वारा इन दावों के निपटारे के लिए एक वर्ष पहले एक मैनजमेंट सर्विस शुरू की गई थी।
Reference Moneycontrol