भारत का एक प्रमुख वित्तीय बाजार है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) जिसे आमतौर पर बीएसई के नाम से जाना जाता है। आइये जानते हैं Bombay Stock Exchange Kya Hai के बारे में। यह एक ऐसा स्थान है जहां निवेशक और ट्रेडर अपनी आर्थिक परि-संपत्तियों का लेन-देन करते हैं। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास बहुत पूराना है। यह दुनिया का दसवां सबसे बड़ा बाजार है। इसकी स्थापना साल 1875 में महाराष्ट्र के मुंबई में हुई थी।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) की शुरुआत 1875 में महाराष्ट्र के मुंबई में हुई थी। यहाँ पर निवेशक या ट्रेडर शेयर, बांड और सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदते या बेचते हैं। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज न केवल भारत का सबसे पुराना, बल्कि एशिया का भी पहला स्टॉक एक्सचेंज है। यह 140 साल पुराना है और विश्व का 10वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।
इसमें लगभग 6000 से अधिक कंपनियाँ रजिस्टर हैं। BSE का प्रमुख इंडेक्स ‘सेंसेक्स’ है जिसमें BSE में रजिस्टर शीर्ष 30 कंपनियों को शामिल किया जाता है। मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का प्रदर्शन सेंसेक्स के आधार पर निर्धारित किया जाता है। इसे ‘बीएसई 30′ भी कहा जाता है। यह इंडेक्स भारतीय बाजार के संपूर्ण संरचना का प्रतिनिधित्व करता है। 1995 में BSE ने भी खुद को SEBI में लिस्ट करवा लिया और एक कंप्यूटराइज्ड स्टॉक एक्सचेंज बन गया।
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बीएसई (BSE) क्या है? Bombay Stock Exchange Kya Hai
लगभग 41 वर्षों पहले, 100 के आधार अंक से शुरू हुआ, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स अब 53,000 के पार पहुंच चुका है। अर्थात, सेंसेक्स में लगभग 530 गुना की वृद्धि दर्ज की गई है।
शेयर मार्केट की शुरुआत एक बरगद के पेड़ के नीचे 318 व्यक्तियों ने 1 रुपये की प्रवेश शुल्क के साथ की थी। 25 जनवरी, 2001 को, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने डॉलेक्स-30 का शुभारंभ किया था। इसे BSE का डॉलर लिंक्ड संस्करण भी कहा जाता है।
बीएसई को इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म के रूप में जाना जाता है जो व्यापक रूप से तेज और प्रभावी ट्रेड एक्सीक्यूशन प्रदान करता है। इसके द्वारा निवेशकों को इक्विटीज, करेंसीज, डेट इंस्ट्रूमेंट्स, डेरिवेटिव्स और म्युचुअल फंड्स में ट्रेड करने की सुविधा प्रधान किया जाता है। बीएसई रिस्क मैनेजमेंट, क्लियरिंग, सेटलमेंट और निवेशओं को शिक्षा जैसी अन्य महत्वपूर्ण पूंजी बाजार ट्रेडिंग सेवाएं भी प्रदान करता है।
BSE के विकास की कहानी
>>> 1986 में सेंसेक्स की शुरुआत होते समय इसका बेस ईयर 1978-79 में रखा गया जिसका बेस 100 पॉइंट पर स्थापित किया गया था। जुलाई 1990 में यह आंकड़ा 1,000 पॉइंट्स को पार कर गया। 1991 मे आर्थिक उदारीकरण के बाद सरकार ने FDI के दरवाजे खोले और व्यापार कानून में परिवर्तन किया। मार्केट वैल्यू को नियंत्रित किया गया और अर्थव्यवस्था को सेवाओं की दिशा में उदार नीति अपनाया गया जिससे सेंसेक्स में भी वृद्धि हुई।
>>> हर्षद मेहता घोटाला: मार्च 1992 में, सेंसेक्स ने पहली बार 4 हजार के स्तर पर बंद होने का रिकॉर्ड बनाया, लेकिन इसके बाद सेंसेक्स 2,900 से 4,900 के बीच रहा। इसे 5 हजार तक पहुंचने में सात साल से अधिक का समय लग गया। इसकी प्रमुख वजह थी कि इसी साल हर्षद मेहता के घोटाला का हुआ था जिससे शेयर बाजार में भारी बिकवाली हुई थी।
>>> 2006 में 10 हजार के पार: सेंसेक्स ने 5 हजार से 10 हजार तक पहुंचने में 6 साल से अधिक समय लिया। 7 फरवरी 2006 को सेंसेक्स 10,082.28 पर बंद हुआ लेकिन अगले डेढ़ साल में ही सेंसेक्स 10 से 15 हजार के स्तर पर पहुंच गया।
>>> सेंसेक्स के लिए 2007 सबसे अच्छा: 9 जुलाई 2007 को सेंसेक्स 15,045.73 पर बंद हुआ। 2007 सेंसेक्स के लिए अब तक सबसे बेहतरीन साल रहा। अगले छह महीनों में ही सेंसेक्स 20 हजार के स्तर पर पहुंच गया और दिसंबर 2007 में सेंसेक्स ने 20,000 का स्तर पार का सफर तय कर लिया।
>>> 2008 की मंदी: 2008 की मंदी ने बाजार को बहुत अधिक प्रभावित किया। 8 जनवरी 2008 को सेंसेक्स ने कारोबार के दौरान पहली बार 21 हजार का स्तर पार किया, लेकिन इसी साल आई अंतरराष्ट्रीय मंदी ने पूरा बाजार बिगाड़ दिया। मंदी के कारण न केवल भारतीय शेयर बाजार बल्कि पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में कोहराम मच गया। 10 जनवरी 2008 को सेंसेक्स 14,889.25 के स्तर पर बंद हुआ। इसी साल 16 जुलाई को सेंसेक्स 12,575.8 पर बंद हुआ वहीं नवंबर 2008 में सेंसेक्स 8,451.01 के स्तर तक गिरा। इसके बाद सेंसेक्स को फिर वापस 21 हजार के स्तर तक पहुंचने में करीब 3 साल का समय लगा।
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>>> 2014 में बाजार ने नरेंद्र मोदी का शानदार स्वागत: साल 2013 में BSE सेंसेक्स ने एक बड़ी पलटी मारी और 18 जनवरी 2013 को सेंसेक्स फिर 20,039.04 पर बंद हुआ। 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में एनडीए की सरकार बनी। शेयर बाजार ने भी मोदी सरकार का जमकर स्वागत किया। 16 मई 2014 को ही सेंसेक्स 25,364 के स्तर तक पहुंच गया। इसके बाद सेंसेक्स को 25 हजार से 30 हजार तक पहुंचने में तीन साल का समय लगा।
>>> साल 2017 में 30 हजार के पार: साल 2017 के अप्रैल माह में सेंसेक्स 30,133 तक पहुंचा और अगले एक साल में ही सेंसेक्स 35 हजार के स्तर पर पहुंच गया। 17 जनवरी 2018 को सेंसेक्स 35,081 पर बंद हुआ। 30 अक्टूबर 2019 को सेंसेक्स ने 40,051 के स्तर को छू लिया।
>>> कोरोना महामारी में बड़ा झटका लगा: सेंसेक्स जनवरी 2020 में 42 हजार के करीब पहुंच गया था लेकिन 2020 मे ही कोरोना संकट ने तबाही मचाना शुरू कर दिया था। यही कारण था कि सेंसेक्स मार्च 2020 में लॉकडाउन के बाद 25,981 तक पहुंच गया। हालांकि अप्रैल के अंत से सेंसेक्स में फिर से शानदार रिकवरी देखने को मिली।
>>> 40 से 50 हजार का सफर 15 महीनों में: सेंसेक्स ने 30 अक्टूबर 2019 को पहली बार 40,000 के पार बंद हुआ। विदेशी और घरेलू निवेशकों के सहारे सेंसेक्स ने लगभग एक साल में ही 40 से 45 हजार तक का सफर तय कर लिया। 4 दिसंबर 2020 को सेंसेक्स 45,079 पर बंद हुआ। इसके लगभग डेढ़ महीने बाद 21 जनवरी 2021 को सेंसेक्स ने नया रिकॉर्ड बनाते हुए 50 हजार का आंकड़ा पार कर लिया।
>>> 75 हजार अंक के पास तक का सफर: कितने उतार चढ़ाव के बाद सेंसेक्स अब 75000 अंक के कुछ ही दूर है जब यह जानकारी दिया जा रहा है। आगे भी इसके वृद्धि का सफर शानदार रहने वाला है।
CA रचना रानाडे का एक स्लोगन है “आदमी हो या शेयर मार्केट आखिर जाना ऊपर ही है।”
BSE से सम्बन्धित कुछ तथ्य
- BSE भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है।
- यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है।
- यह एक राष्ट्रिय स्टॉक एक्सचेंज है।
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के वर्तमान अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल जी है।
- प्रमोद अग्रवाल जी ने 17 जनवरी, 2024 से BSE का कार्य भार संभाला है।
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का मुख्यालय मुंबई में स्थित है।
- इस स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1875 में प्रेमचंद रॉयचंद ने की थी।
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में अब तक 6000 से भी अधिक कंपनिया लिस्टेड हैं।
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का पहला सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) है।
- सेंसेक्स (Sensex) सूचकांक में कुल 30 कंपनियां शामिल हैं।
- इंटरनेट आधारित ट्रेडिंग प्लेटफार्म स्थापित करने वाला भारत का पहला एक्सचेंज है।
- सर्वेलंस, क्लियरिंग और सेटलमेंट के लिए ISO प्रमाण पत्र पाने वाला यह भारत का पहला एक्सचेंज है।
- इनफार्मेशन सिक्यूरिटी मैनेजमेंट सिस्टम BS 7799-2:2002 का प्रमाण पत्र पाने वाला यह भारत का पहला एक्सचेंज है।
- इक्विटी डेरीवेटिव्स शुरू करनेवाला भारत का पहला एक्सचेंज है।
- फ्री प्लोट इंडेक्स शुरू करनेवाला भारत में पहला एक्सचेंज है।
- यूएस डॉलर आधारित सेन्सेक्स प्रस्तुत करनेवाला भारत का पहला एक्सचेंज है।
- सेंसेक्स (बीएसई 30) बीएसई बाजार सूचकांक है जिसमें बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में सूचीबद्ध 30 अच्छी तरह से स्थापित और वित्तीय रूप से अच्छी कंपनियां शामिल हैं।
- एक्सचेंज आधारित इंटरनेट ट्रेडिंग प्लेटफार्म स्थापित करनेवाला भारत का पहला एक्सचेंज है।
- सर्वेलंस, क्लियरिंग और सेटलमेंट के वास्ते आईएसओ प्रमाणपत्र हासिल करनेवाला देश का पहला एक्सचेंज हैं।
- बीएसई आनलाइन ट्रेडिंग सिस्टम (बोल्ट) को वैश्विक स्तर पर मान्य इन्फार्मेशन सिक्युरिटी मैनेजमेंट सिस्टम स्टैंडर्ड बीएसई बीएस 7799-2-2002 प्राप्त करने वाला है।
- फाइनेंशियल ट्रेनिंग के लिए अलग विशेष सुविधा की व्यवस्था करने वाला पहला एक्सचेंज हैं।
- ट्रेडिंग रिंग सिस्टम से इलेक्ट्रानिक ट्रेडिंग की तरफ प्रयाण सिर्फ 50 दिनों में करने वाला पहला एक्सचेंज हैं।
FAQs
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना कब हुई थी?
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना साल 1875 में हुई थी।
सेंसेक्स क्या है?
सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क इंडेक्स है, जिसमें टॉप 30 कंपनियां शामिल हैं। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारतीय वित्तीय बाजार का मुख्य एवं प्रमुख केंद्र है जहाँ शेयर, बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों की ट्रेडिंग किया जाता है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का महत्व क्या है?
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज एक महत्वपूर्ण संस्था है जो देश की आर्थिक संपत्ति को नियंत्रित करता है और वित्तीय स्थिरता में मदद करता है।
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